चुनावों में सीयू का राग, पर देहरा धर्मशाला में ही बीत गए दस साल
धर्मशाला— प्रदेश की दूसरी राजधानी एवं अति महत्त्वपूर्ण विधानसभा क्षेत्र धर्मशाला और देहरा में केंद्रीय विश्वविद्यालय के नाम पर ही चुनाव लड़ा जा रहा है। हर बार के विधानसभा सहित लोकसभा के चुनावों में भी सीयू के मुद्दे पर ही राजनीतिक पार्टियां अपनी-अपनी रोटीयां सेंकने के जुगाड़ में जुटी हुई हैं, लेकिन 10 वर्षों से भी अधिक समय बीत जाने पर भी केंद्रीय विवि को अपना स्थायी भवन तो दूर भूमि तक नहीं मिल पाई है। चुनावों के समय हर राजनीतिक दल, नेता और उनके कार्यकर्ता सीयू की स्थापना की बात कहकर वोट मांगते हुए नजर आते हैं, लेकिन चुनावों के बाद इसे अलविदा कह दिया जाता है। प्रदेश का केंद्रीय विश्वविद्यालय जमीनी कागजों के फेर में ही उलझी हुआ नजर आ रहा है। प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन द्वारा सीयू को भूमि ट्रांसफर करने का दावा कर रहा है, लेकिन केंद्रीय विवि प्रशासन अब तक खाली हाथ होने की ही बात कर रहा है। विधानसभा चुनावों से ठीक पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा एम्स का शिलान्यास किया गया। चुनावों से पहले पीएम द्वारा केंद्रीय विवि का शिलान्यास किए जाने के भी कयास लग रहे थे, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। वर्ष 2012 के बाद 2014 का लोकसभा और अब 2017 का विधानसभा चुनाव इसी मसले को लेकर लड़ा गया, लेकिन अब भी केंद्रीय विश्वविद्यालय लटकता नजर आ रहा है। यानी कि सीयू एक बार फिर सियासी फुटबाल बनकर इधर-उधर घूमती नजर आ रही है। भाजपा के कुछ नेता चाहते हैं कि सीयू का मुख्य कैंपस देहरा में स्थापित हो, जबकि कांगड़ा से जुड़े भाजपा नेता इस पर मौन साधे बैठे हैं। हालांकि केंद्रीय विवि को धर्मशाला के लिए घोषित किए जाने की बात पर मुख्य कैंपस के लिए जदरागंल में भूमि चयन और उसे ट्रांसफर की प्रक्रिया चल रही है और इसकी विस्तृत रिपोर्ट केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय को भी सौंपी है। प्रदेश सरकार द्वारा 36 हेक्टेयर भूमि रेवन्यू लैंड से ट्रांसफर कर दी गई है, जबकि अब वन भूमि को लेकर वन मंत्रालय द्वारा फोरेस्ट क्लीयरेंस के लिए भेजा गया है। सीयू प्रशासन अब तक शिक्षा विभाग से जमीन विवि को ट्रांसफर न होने की बात कर रहा है। चुनावी दौर में विवि पर कांग्रेस व भाजपा के बीच गरमाहट देखने को मिली। साथ ही आजाद प्रत्याशियों ने भी सीयू की स्थापना को लेकर खूब वादे किए, पर जमीन का मामला अधर में ही रहने से बुद्धिजीवियों, शिक्षाविदों, समाजसेवियों एवं छात्र वर्ग में काफी अधिक निराशा देखने को मिल रही है।
* केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2009 से केंद्रीय विवि को लेकर फाइनल नोटिफिकेशन कर दी गई है। हिमाचल में किसी मसले पर इतना लंबा विवाद देखने को नहीं मिला। केंद्रीय विवि के प्राध्यापकों, स्टाफ और छात्रों को मिलने वाली सुविधा के हिसाब से जल्द भवन निर्माण करना चाहिए
डा. एलएम शर्मा
* चिंता का विषय है कि राज्य में केंद्रीय विश्वविद्यालय को अब तक कालेज, बीएड कालेज और देहरा में मंदिर की सराय में चलाने की नौबत आ गई है। राजनीतिक दलों को सियासी रोटियां सेंकने की बजाय प्रदेश के हित के लिए सीयू का निर्माण करना चाहिए
ब्रिगेडियर सुभाष पाठक
* केंद्रीय विवि जैसे बड़े संस्थान को प्रदेश में सही तरीके से शुरू न करने से बच्चों का भविष्य अधर में, रोजगार के रास्ते बंद हो रहे हैं और कई समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। उच्च शिक्षा के लिए प्रदेश में जल्द सीयू का निर्माण प्रदेश और केंद्र सरकारों को प्रयास करने चाहिए
ले. कर्नल यशपाल जसरोटिया
धर्मशाला पर ज्यादा सहमति
कांगड़ा के अधिकांश नेताओं का दावा है कि धर्मशाला ही केंद्रीय विवि के लिए उपयुक्त है। सेंट्रल यूनिवर्सिटी ऐसे स्थल पर ही स्थापित की जा सकती है, जहां बुनियादी सुविधाओं के साथ-साथ रहने की उच्च स्तरीय सुविधाएं मौजूद हों और साथ ही एयर कनेक्टिविटी भी हो। धर्मशाला में ऐसी तमाम सुविधाएं व स्तरीय होटल हैं, लिहाजा कैंपस यहीं स्थापित होना चाहिए।
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