चुनाव आयोग की निष्पक्षता पर सवाल

शिमला— सोशल वेलफेयर काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष राजेश्वर नेगी ने कहा है कि चुनाव आयोग की स्वायतता और स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के लिए उन्होंने जहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। इस मामले में वह जल्द सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर करेंगे। शिमला में आयोजित प्रेस वार्ता में उन्होंने कहा कि जब गुजरात व हिमाचल के चुनाव नतीजे एक साथ आने हैं तो फिर दोनों ही राज्यों में चुनाव आचार संहिता व प्रचार के लिए अलग-अलग समय क्यों निर्धारित किया गया। उन्होंने कहा कि यह वही आयोग है, जो एक साथ आम चुनाव व विधानसभा चुनाव करने की भी वकालत करता रहा है तो फिर अब दो राज्यों के लिए अलग मापदंड क्यों, जबकि हिमाचल में भौगोलिक परिस्थितियां काफी भिन्न है। गुजरात मैदानी इलाकों में है। उन्होंने कहा कि आयोग के मुख्य आयुक्त च अन्य आयुक्तों की तैनाती भी एक कमेटी के जरिए की जानी चाहिए। आयोग में रहकर उनकी कार्यप्रणाली पर यदि सवाल उठते हैं तो उन्हें सुप्रीम कोर्ट के जज की तर्ज पर हटाने का प्रावधान होना चाहिए। यानी उन्होंने इस मामले में बड़े संवैधानिक बदलाव की मांग रखी है। उन्होंने कहा कि इस मामले में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है। वह जल्द सुप्रीम कोर्ट में भी जनहित याचिका दायर करेंगे।

ओपीनियन पोल पर लगे प्रतिबंध

राजेश्वर नेगी ने कहा कि एग्जिट पोल की ही तर्ज पर ओपिनियन पोल पर भी प्रतिबंध लगना चाहिए, वरना इससे नतीजे प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि आयोग को ऐसी शक्तियां होनी चाहिएं, जिससे आरोपी किसी भी प्रत्याशी की वह निष्पक्ष जांच कर सके और चुनाव प्रक्रिया के दौरान ही उसके खिलाफ कार्रवाई भी सुनिश्चित हो सके।