छात्रों ने निहारा बाघा बार्डर

बिलासपुर —  गुरुकुल भारती बीएड कालेज चांदपुर के प्रशिक्षु अध्यापकों ने तीन दिवसीय भ्रमण के के दौरान प्रसिद्ध एतिहासिक व सांस्कृतिक धरोहरों का भ्रमण किया। कालेज की प्राचार्या शिवानी चंदेल ने बताया कि सर्वप्रथम प्रशिक्षुओं ने बाघा बार्डर का भ्रमण किया। यह एक ऐसा एतिहासिक स्थल है जो भारत बंटवारे की याद दिलाता है। इसके बाद बाद जलियांवाला बाग का भ्रमण किया। जहां पहुंचकर सभी कल्पना लोक में पहुंच गए कि 13 अप्रैल 1919 के दिन सैकड़ों लोग मारे गए थे। इस दृश्य को याद करके सभी प्रशिक्षुओं और अध्यापकों की आंखें नम हो गई। इसके पश्चात प्रशिक्षुओं ने स्वर्ण मंदिर अमृतसर का भ्रमण किया। मंदिर की सुंदरता को देखकर प्रशिक्षुओं की सारी थकान उतर गई। शिवानी चंदेल ने बताया कि भ्रमण के अंतिम दिन प्रशिक्षुओं ने जालंधर स्थित विज्ञान भवन के रखी किताबों व श्यामपट्ट के बिना भी विज्ञान के प्रति रुचि बनाई जा सकती है व समस्याओं को वैज्ञानिक तरीकों से सुलझाया सकता है के बारे में जानकारी हासिल की। इस दौरान प्रशिक्षुओं ने पंजाबी थाली का भी खूब आनंद उठाया। कालेज की प्राचार्या शिवानी चंदेल ने बताया कि इस प्रकार के शैक्षिक भ्रमणों से विद्यार्थियों में एक अनुभूति जागृत होती है, जिससे यह भारत की विभिन्नताओं से परिचित हो सकते है। इसके कारण उनमें भाईचारे की भावना भी पैदा होती है। भ्रमण के दौरान 40 प्रशिक्षुओं सहित प्रो. नरेश कुमार, नीलम, कृतिका व अशोक कुमार आदि उपस्थित रहे।