जमीन नीलामी की खबर सुन किसान ने तोड़ा दम

संगड़ाह- सरकारों के बड़े-बड़े दावों के बावजूद कर्ज के बोझ तले दबे किसानों की हालत में सुधार नजर नहीं आ रहा है तथा रविवार रात क्षेत्र के गांव पालर के कर्ज के बोझ में दबे एक किसान ने दम तोड़ दिया। संगड़ाह के साथ लगते गांव पालर के किसान हेम चंद ने रविवार सायं ऋण न दिए जाने के बाद जमीन की कुर्की संबंधी आदेश की जानकारी मिलते ही परिजनों के अनुसार दम तोड़ दिया। मृतक के पुत्र, बहनोई व अन्य परिजनों ने बताया कि रविवार को जैसे ही उन्होंने हेम चंद को लोन न चुकाए जाने पर कुर्की के आदेश जारी होने की जानकारी दी, उसके कुछ ही समय बाद उन्हें दौरा पड़ गया तथा अस्पताल ले जाने से पहले ही उनकी मौत हो गई। परिजनों ने बताया कि कुछ अरसे से हेम चंद बीमार चल रहे थे तथा उन्होंने बैंक द्वारा ढोल बजाकर जमीन की नीलामी किए जाने संबंधी आदेश की उन्हें जानकारी नहीं दी थी। परिजनों के अनुसार मृतक ने काफी समय पूर्व ट्रैक्टर खरीदने के लिए राजगढ़ स्थित एक बैंक से करीब छह लाख लिया था तथा ब्याज लगने के बाद बैंक के मुताबिक रकम अब दस लाख से अधिक हो चुकी है। मृतक की आर्थिक हालत कमजोर होने व ट्रैक्टर दुर्घटनाग्रस्त होने के चलते परिजनों के अनुसार वह ऋण चुका पाने में नाकाम रहे। बैंक द्वारा 14 नवंबर, 2017 को उनकी करीब 32 बीघा जमीन की ढोल बजाकर नीलामी किए जाने संबंधी आदेश जारी किए गए हैं। परिजनों के मुताबिक उनके स्वास्थ्य में सुधार के बाद मिले नोटिस की जानकारी उन्होंने रविवार को हेम चंद को दी। बहरहाल परिजनों व स्थानीय ग्रामीणों के मुताबिक हेम चंद की मौत का कारण उन्हें जमीन की नीलामी के आदेश मिलना रहा। हालांकि कुछ महीने से वह बीमार भी चल रहे थे। सोमवार को किसान का अंतिम संस्कार कर दिया गया है।