जीरो डिग्री में भी रोहतांग टनल का काम

दोनों छोर मिलने के बाद मलबा हटाने में जुटे 930 मजदूर, आर-पार हो रहीं कंपनी की गाडि़यां

कुल्लू —  महत्त्वाकांक्षी रोहतांग टनल का कार्य यहां जीरो डिग्री तापमान में भी जारी है।  करीब 930 मजदूर साउथ व नार्थ पोर्टल से टनल के निर्माण कार्य में जुटे हुए हैं। टनल के दोनों छोर आपस में जुड़ चुके हैं, लेकिन अभी सुरंग के भीतर काफी काम बचा हुआ है। ठंड मे जिस तरह से सुरंग का काम जारी है उससे साफ जाहिर कि वर्ष 2019 से पहले ही टनल में आवाजाही शुरू हो सकती है। वैसे भी पांच नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कुल्लू दौरे के दौरान यहां जनसभा को संबोधित करते हुए रोहतांग टनल का जिक्र किया था। उन्होंने कहा कि  वह अपने आप को खुशनसीब समझेंगे की उन्हें इसका उद्घाट्न करने का मौका मिले और फिर कुल्लू-मनाली की जनता से रू-ब-रू होने का मौका मिले। प्रधानमंत्री के कहे जाने के बाद से रोहतांग टनल के कार्य में और भी अधिक तेजी देखने को मिल रही है। जानकारी के मुताबिक टनल के अंदर अब भी सेरी नाले के पास जो कार्य बचा हुआ है, उसे पूरा किया जा रहा है। यहां रिसाव के चलते टनल के कार्य में देरी हुई है। इसके अलावा जो मलबा है, उसे भी साफ करने का कार्य तेजी से चला हुआ है।

मिलेगी राहत

रोहतांग टनल के दोनों छोर मिल जाने के बाद लाहुलवासियों ने थोड़ी राहत ही सांस तो ली है, पर एमर्जेंसी में रोहतांग टनल से एंबुलेेंस ले जाने की अनुमति होगी या नहीं, यह अभी साफ नहीं है। हालांकि कंपनी की गाडि़या टनल से आर-पार जा रही हैं।

3036 करोड़ पहुंची लागत

8.8 किलोमीटर लंबी रोहतांग सुरंग की लागत अब 3036 करोड़ तक जा पहुंची है। टनल के दोनों छोर मिलने पर रक्षा मंत्री भी यहां दौरा कर चुकी हैं और बाकी बचे कार्य को जल्द से जल्द पूरा करने की बात की। यही वजह है कि जीरो डिग्री तापमान में सुरंग का कार्य तेजी पर है।

छह महीने कट जाता है लाहुल

बर्फबारी से रोहतांग बंद हो जाता है और छह महीने के लिए लाहुल-स्पीति शेष दुनिया से कट जाता है।  बीमार होने पर यहां स्थानीय लोगों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। सर्दियों में एकमात्र जरिया यहां हेलिकाप्टर ही है।