डिपुओं में मिल रहा घटिया आटा

भोरंज  —  सस्ते राशन की दुकानों में उपभोक्ताओं को घटिया आटा मिल रहा है। दस किलो की थैली में तीन किलो चोकर निकल रही है। उपभोक्ताओं ने आटे की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने विभाग से अपील की है कि आटे के सैंपल जल्द से जल्द भरे जाएं, ताकि उपभोक्ताओं को राहत मिल सके। डिपुओं में पीडीएस उपभोक्ताओं को अलग से आटा दिया जा रहा है। इसमें अधिक मात्रा में चोकर निकल रही है। यही नहीं बनाने व खाने में भी घटिया निकल रहा है। उपभोक्ताओं में कश्मीर सिंह, राजेश कुमार, सुरेश, राजेंद्र कुमार, कृष्ण चंद, पवन कुमार, जगदीश, राजकुमार, सतीश कुमार, पुरुषोतम चंद, ज्ञान चंद, गरीब दास, नरेश कुमार, कश्मीर सिंह, विजय कुमार, राजो देवी, सरस्वती, निशा कुमारी, अंजना देवी, सरोज कुमारी, सोमा देवी ने बताया कि पिछले दो-तीन माह से डिपुओं में जो आटे की सप्लाई हो रही है वह घटिया है। उनका कहना है कि जब इसकी शिकायत आटा सप्लाई करने वाले व्यक्ति से की गई, तो उन्होंने बताया कि वह उक्त आटे को वापस कर दें और उन्हें इसके बदले अच्छी क्वालिटी का आटा मुहैया करवा देंगे। क्षेत्र के उपभोक्ताओं ने इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री व जिला खाद्य आपूर्ति नियंत्रण से की है, ताकि दोषी व्यक्ति के खिलाफ कार्रवाई की जा सके।  खाद्य आपूर्ति नियंत्रक नरेंद्र धीमान का कहना है कि आटा के सैंपल हर माह भरकर कंडाघाट लैब भेजे जा रहे हैं। अभी तक कोई भी सैंपल फेल नहीं हुआ है। भोरंज क्षेत्र की समस्या उनके ध्यान में आई है। क्षेत्र के डिपुओं से आटा के सैंपल भरे जाएंगे।

विभाग ने कंडाघाट लैब भेजे थे सैंपल

वर्ष 2010 में डिपुओं में मिल रहे आटे की भ्रसक गुणवता का मामला आने के बाद खाद्य आपूर्ति विभाग ने आटे के सैंपल भरकर उन्हें कंडाघाट लैब में भेजा था।  इसके चलते आटे के सैंपल फेल हो गए थे और संबंधित मिल मालिक को जुर्माना सहित छह माह की सजा सुनाई गई थी।

सैनिक स्कूल सुजानपुर में नवाजे होनहार

सुजानपुर-  सैनिक स्कूल सुजानपुर में आयोजित खेलकूद प्रतियोगिता का बुधवार को समापन हो गया। समापन समारोह के मुख्यातिथि स्कूल के प्राचार्य अमित कुमार पॉल व संयुक्त निदेशक टैगोर आईटीआई सुजानपुर राजेंद्र वर्मा मौजूद रहे। इस अवसर पर विजेता छात्रों को सम्मानित किया गया। मुख्यातिथि ने खिलाडि़यों को खेल की हरेक

गतिवधियों में भाग लेने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने वर्तमान में शरीर को चुस्त दरुस्त रखना चुनौतीपूर्ण है। खेल के माध्यम से शरीर को स्वस्थ्य रखा जा सकता है।