नेरवा के जाम पर जवानों का कोई जोर नहीं

नेरवा, चौपाल —  नेरवा बाजार में आए दिन लगने वाले जाम से वाहन चालकों व आम जनता के साथ-साथ दुकानदार भी खासे परेशान हैं। नेरवा बाजार में रोजाना घंटों जाम लगना आम बात हो गई है। जाम की इस भयंकर समस्या से निपटने में पुलिस भी बेबस नजर आती है। पुलिस के जवान सुबह से शाम तक नेरवा थाने से महामाया डुंडी मंदिर तक सीटियां बजाते हुए भागते नजर आते हैं, परंतु बेकाबू जाम पर इन पुलिस जवानों का कोई जोर नहीं चलता। जाम के दौरान कई बार  स्वास्थ्य विभाग की 108 व 102 एंबुलेंस सेवाएं घंटों तक फंसी रहती है। बाजार में चलने वाले लोग दुकानों के बाहर जमघट लगा कर खड़े हो जाते हैं, जिस वजह से दुकानदारों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है।  शादियों के दिनों में तो यह समस्या और भी गंभीर हो जाती है। मंगलपार शाम भी कुछ ऐसा ही नजारा देखने को मिला। शाम करीब साढ़े चार बजे बाजार में भयंकर जाम लग गया, जो कि करीब तीन घंटे बाद ही खुल पाया। जाम की वजह से नेरवा के पुराने बस अड्डे में खड़ी परिवहन निगम की बसें दो-तीन घंटे तक बाहर ही नहीं निकल पाई व इन बसों में बैठी सवारियों को परेशानी तो झेलनी ही पड़ी। यह लोग घरों में भी रात को काफी देरी से पंहुचे। पिछले कुछ दिनों से नेरवा में जाम की यह समस्या कुछ ज्यादा ही सामने आ रही है। जाम का मुख्य कारण सड़क किनारे खड़े वाहन व बाजार में एक साथ निकलने वाले बड़े-बड़े टिप्पर हैं। कई लोग बाजार में सड़क के किनारे वाहन खड़े कर चले जाते हैं, जिस वजह से आम तौर पर जाम लग जाता है। दूसरे कई बार सरकारी ठेकेदारों के बड़े टिप्पर इकट्ठे तीन-चार की संख्या में बाजार से गुजरते है, जिस वजह से भी मुख्यतः जाम लगता रहता है। नेरवा थाने के पूर्व एसएचओ कुलवंत सिंह ने सख्ती कर इस समस्या पर कुछ हद काबू पा लिया था, परंतु उनके तबादले के बाद हालात जस के तस हो गए हैं। कुलवंत कंवर ने न केवल बाजार में खड़े होने वाले वाहनों पर सख्ती कर दी थी बल्कि यह भी सुनिश्चित कर दिया था कि बाजार से एक समय में एक ही टिप्पर गुजरेगा। स्थानीय लोगों ने मांग की है कि पुलिस कोई योजना बनाकर जाम से मुक्ति दिलाए।