अब मंगलवार को फिर पेशी, सीबीआई ने मांगा था पांच दिन का वक्त
वॉयस सैंपल पर सुनवाई 23 को
कोटखाई थाने में सूरज की हत्या के मामले में गिरफ्तार जांच दल के सदस्यों के वॉयस सैंपल लेने के मामले में सोमवार को भी सुनवाई नहीं हो सकी। आरोपी पुलिस कर्मियों की तरफ से सोमवार को भी कोई वकील अदालत में पेश नहीं हुआ, जिसके चलते अदालत ने इस पर 23 नवंबर तक सुनवाई टाल दी है। अब इस मामले की अगली सुनवाई 23 नवंबर को होगी। इससे पहले 17 नवंबर को भी इस मामले की सुनवाई पुलिस की ओर से वकीलों के पेश न होने की वजह से टल गई थी। इसके बाद सोमवार के लिए यह मामला रखा गया था, लेकिन एक बार फिर इस पर सुनवाई टल गई है। सीबीआई के हाथ पुलिस अफसरों और कर्मचारियों के बीच हुए बातचीत की रिकार्डिंग लगी है। इसके लिए सीबीआई ने अदालत में अर्जी देकर गिरफ्तार आईजी जहूर जैदी, डीएसपी जोशी, एसआई राजेंद्र सिंह, एएसआई दीपचंद, सूरत सिंह मोहन लाल, रफीक अली और राजेंद्र सरेटा के वॉयस सैंपल लेने की इजाजत के लिए आग्रह किया है। अदालत से इजाजत मिलने के बाद ही जांच एजेंसी इनके वॉयस सैंपल ले सकेगी।
अदालत में पेश नहीं हुए आरोपियों के वकील, अब 27 को हीयरिंग
शिमला— शिमला के चार साल का मासूम युग की हत्या के मामले की सुवनाई टल गई है। मामले की सुनवाई सोमवार को होनी थी, लेकिन आरोपियों की ओर से वकील पेश नहीं हो पाए। इस वजह से इसकी सुनवाई अब 27 नवंबर को होगी। इस दौरान कुछ और गवाह अभियोजन पक्ष की ओर से पेश किए जाएंगे। चार साल के मासूम की हत्या के मामले की सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय की अदालत में हो रही है। सोमवार को तीनों आरोपियों को अदालत में पेश किया गया, लेकिन उनकी ओर से वकील पेश न होने की वजह से यह सुनवाई टालनी पड़ी। मामले में पिछली सुनवाई 17 नवंबर को शुरू हुई थी और पहले दिन चार गवाहों के बयान दर्ज किए गए थे। अगली सुनवाई के दौरान 27 नवंबर को कुछ और गवाह अदालत में पेश किए जाएंगे। इस केस की जांच राज्य की जांच एजेंसी सीआईडी ने की है। सीआईडी की ओर से इस मामले में पिछले साल अक्तूबर में चालान अदालत में पेश किया गया था। इसके बाद इस साल फरवरी में इसकी सुनवाई जिला एवं सत्र न्यायालय में शुरू हुई। इस मामले में अब तक 111 गवाह अदालत में पेश किए जा चुके हैं। इस मामले में कुछ और गवाह पेश किए जाने हैं। उल्लेखनीय है कि चार साल के मासूम युग का 14 जून, 2014 को अपहरण फिरौती के लिए रामबाजार से किया गया था, लेकिन फिरौती न मिलने पर मासूम को मौत के घाट उतार दिया गया। बाद में मासूम का कंकाल एक टैंक से बरामद किया गया। यह कंकाल करीब दो साल तक टैंक में पड़ा रहा, लेकिन इसकी पुलिस को कोई भनक नहीं लगी। युग के लापता होने के बाद यह मामला करीब तीन माह तक पुलिस के पास पड़ा रहा, लेकिन शिमला पुलिस यह केस सुलझा नहीं सकी। बाद में इसको सीआईडी के सुपुर्द कर दिया गया। इस बीच सीआईडी ने मासूम युग की गुमशुदगी की गुत्थी सुलझाते हुए इसका कंकाल पिछले साल अगस्त में टैंक से बरामद किया। इसके बाद अक्तूबर में फोरेंसिक रिपोर्ट आने के बाद इसे अदालत में पेश किया गया। सीआईडी ने इस मामले में शिमला के तीन युवकों चंद्र शर्मा, तेजेंद्र सिंह और विक्रांत बख्शी को आरोपी बना रखा है। आरोप है कि इन युवकों ने युग का अपहरण कर उसकी हत्या कर शव का पानी के टैंक में फेंक दिया था।