पोस्ट अफसर की…काम कर रहे क्लर्क का

भोरंज —  उपमंडल भोरंज का एकमात्र तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय कर्मचारियों की कमी से जूझ रहा है। यहां तैनात तहसील कल्याण अधिकारी स्वयं लिपिक व चपड़ासी का कार्य संभाल रहे हैं। ऐसे में इस अधिकारी के ऊपर कार्य का अतिरिक्त बोझ बढ़ गया है। अवगत करवाने के बाद भी इस कार्यालय को स्टाफ मुहैया नहीं करवाया जा रहा है। तहसील कार्यालय बेशक जनता का विभिन्न योजनाओं के तहत कल्याण करता आ रहा हो, लेकिन भोरंज के इस एकमात्र कार्यालय का कल्याण कौन करेगा। यह एक सोचनीय पहलू है। इतना ही नहीं, आलम इस कद्र है कि फाइलों के बोझ तले दबे तहसील कल्याण अधिकारी भोरंज को खुद ही क्लर्क का कार्य और खुद ही चपरासी का काम करने को मजबूर होना पड़ रहा है। न तो सरकार द्वारा खाली चल रहे पद भरे जा रहे हैं और न ही यहां अन्य कर्मचारियों की तैनाती की जा रही है।  गौरतलब है कि भोरंज के तहसील कल्याण अधिकारी कार्यालय के तहत ब्लॉक टौणीदेवी की 18 और भोरंज की 28 ग्राम पंचायतों के लोग अपने कार्य के लिए यहां आते हैं। यहां दफ्तर में अधिकारी के अलावा न तो चपरासी और न ही लिपिक मिला है। भोरंज में चारों तरफ  यह चर्चा का विषय बना हुआ है। करयाली में तैनात अधिकारी जनता के काम को निपटाने में तो दिन-रात जुटा है, लेकिन स्टाफ  की कमी फिर भी खल रही है। विदित रहे कि आठ माह पूर्व जो चपरासी यहां डेलीवेज पर तैनात था, वह भी नियमितीकरण के बाद अन्य कार्यालय में ज्वाइन कर गया है। तब से किसी भी चपरासी की नियुक्ति नहीं हो पाई। आठ माह से यहां कोई भी लिपिक भी नहीं है, यहां लिपिक का काम भी चपरासी ही करता था। अब हालात ये हैं कि विभाग में न तो चपरासी है न ही लिपिक। इससे सारा काम अधिकारी को ही करना पड़ रहा है। विभिन्न पंचायतों के प्रधानों ने अधिकारी के काम की सराहना की है और शीघ्र स्टाफ  भरने की मांग की है। तहसील कल्याण अधिकारी लक्ष्मण दास ने बताया कि स्टाफ की कमी की जानकारी उच्च अधिकारियों को दे दी गई है।