फायदेमंद है फेक न्यूज का कारोबार

साइबर क्रिमिनल्स ‘फेक न्यूज (फर्जी खबरों)’ को खूब बढ़ावा दे रहे हैं और अब उन्होंने इस काम को मुनाफे के बिजनेस मॉडल में तबदील कर दिया है। साइबर सिक्योरिटी पर रिसर्च करनेवालों ने कहा कि इसकी सेवा दस डालर (करीब 650 रुपए) से शुरू हो जाती है। ऑनलाइन सिक्योरिटी फर्म डिजिटल शैडोज ने एक रिपोर्ट में बोगस मीडिया वेबसाइट्स, फेक रिव्यूज और सोशल मीडिया ‘बॉट्स’ जैसी सेवाओं को रेखांकित किया है। सोशल मीडिया बॉट्स वे ऑटोमेटेड अकाउंट्स होते हैं जिनके जरिए वाणिज्यिक उत्पादों एवं सेवाओं का प्रचार किया जाता है। कारोबार के विभिन्न तरीकों में एक फर्जी मीडिया वेबसाइट्स की बिलकुल वैध मीडिया संगठनों जैसी ही डिजाइनिंग की जाती है। रिसर्चरों ने 2800 ‘लाइव स्पूफ’ साइटों से पर्दा उठाया है। स्पूफ वेबसाइट किसी प्रतिष्ठित मीडिया संगठन की वेबसाइट के वेब अड्रेस में कोई एक लेटर बदलकर आसानी से तैयार की जा सकती है। रिपोर्ट कहती है कि कुछ साइबर क्रिमिनल्स रूस में बैठे अफवाह फैलाने वालों के तरीके अपनाते हैं। वे वास्तविक और वैध दस्तावेजों में बदलाव कर उन्हें फर्जी सूचना फैलाने में इस्तेमाल कर लेते हैं। ‘किसी भी अच्छी न्यूज स्टोरी की तरह ही कॉन्टेंट शेयर, लाइक, री-पोस्ट किए जाते हैं और अलग-अलग तरह के कई प्लेटफॉर्मों और चैनलों पर फैला दिए जाते हैं। ‘आगे कहा गया है, झूठी सूचना का जितना प्रसार होता है, आम लोगों को आकर्षित करने और अपने मकसद में कामयाब होने की संभावना भी उतनी बढ़ जाती है। मकसद चाहे विरोधियों की छवि धूमिल करने का हो या किसी प्रकार की कलह खड़ा करना हो या फिर मुनाफा कमाना हो। एक रिपोर्ट के मुताबिक, राजनीतिक प्रचार अभियानों में इस तरह के टूल्स का इस्तेमाल चिंता बढ़ा रहे हैं। लेकिन, ऐसे तरीके मुनाफा कमाने के मकसद से भी अपनाए जा रहे हैं। वेबसाइट के वेब अड्रेस में कोई एक लेटर बदलकर आसानी से तैयार की जा सकती है। रिपोर्ट कहती है कि कुछ साइबर क्रिमिनल्स रूस में बैठे अफवाह फैलानेवालों के तरीके अपनाते हैं। वे वास्तविक और वैध दस्तावेजों में बदलाव कर उन्हें फर्जी सूचना फैलाने में इस्तेमाल कर लेते हैं।