बताया ऐसे काबू करें तेंदुआ

हमीरपुर— वन विभाग हमीरपुर ने तेंदुए के संघर्ष और टकराव से बचाव के लिए रणनीति तैयार की है। मंगलवार को वन मंडल हमीरपुर के कर्मचारियों को वैज्ञानिक सर्वेक्षण का प्रशिक्षण दिया गया। हमीर होटल में आयोजित इस प्रशिक्षण कार्यशाला की अध्यक्षता डीएफओ हमीरपुर प्रीति भंडारी ने की। इसमें मुख्य अरण्यपाल धर्मशाला वृत्त ओपी सोलंकी ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की। डीएफओ प्रीति भंडारी ने ओपी सोलंकी का स्वागत करते हुए कार्यशाला के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। इसके अलावा अरण्यपाल वन वृत्त हमीरपुर अनिल जोशी, वन मंडल अधिकारी वन्य प्राणी हमीरपुर कृष्ण कुमार और सहायक अरण्यपाल हमीरपुर डा.मनीष रामपाल विशेष रूप से उपस्थि रहे। इस प्रशिक्षण कार्यशाला में वैज्ञानिक सलवादर लिंगदोह ने वन विभाग के कर्मचारियों को हमीरपुर वन मंडल में मानव तेंदुए के संघर्ष का आकलन करने, वन्य जीव परिप्रेक्ष्य से संबंधित क्षेत्रों की पहचान करने के लिए, तेंदुए की आबादी और शिकार आधार का अनुमान लगाने के लिए सर्वेक्षेण विधि के बारे में विस्तार से जानकारी दी। अरण्यपाल वन वृत्त हमीरपुर अनिल जोशी ने कार्यक्रम के दौरान कर्मचारियों को बताया कि वन मंडल हमीरपुर का कुल क्षेत्रफल 1118 वर्ग किलोमीटर है और इस वन मंडल के अधीन पांच वन रेंज, 15 वन ब्लॉक और 70 वन बीट्स हैं। डिवीजन के लगभग सभी क्षेत्रों में मानव और तेंदुए के संघर्ष के कई मामलों की सूचना दी जा रही है, लेकिन मानव और तेंदुए के संघर्ष की गंभीरता का आकलन करने के लिए आज तक कोई सर्वेक्षण नहीं किया गया है और न ही संघर्ष क्षेत्र को पहचानने और उसे उजागर करने के लिए किया गया है। उन्होंने बताया कि यदि इस सर्वेक्षण को फील्ड क्षेत्र में किया जाता है, तो इससे बेहतर योजना बनाने और ऐसे मुद्दों से निपटने के संबंध की नीतियों को विकसित करने में मदद मिलेगी। वहीं डीएफओ हमीरपुर प्रीति भंडारी ने बताया कि कर्मचारियों को दिया गया यह प्रशिक्षण जिला में तेंदुए की बढ़ती घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए काफी उपयोगी सिद्ध होगा। इस कार्यशाला में वन मंडल के सभी क्षेत्रीय कर्मचारियों और अधिकारियों ने भाग लिया।