बूथ से बढ़त नहीं तो नेता की छुट्टी पक्की

हमीरपुर— मेरा बूथ, सबसे मजबूत। इस स्लोगन के साथ विधानसभा चुनावों में उतरी भाजपा अपने प्रत्याशियों और टिकटार्थियों के बूथों की समीक्षा करेगी। बूथ से बढ़त न दिलाने वाले पार्टी पदाधिकारियों की छुट्टी तय है। अपने बूथों से बढ़त दिलाने वाले टिकटार्थियों को संगठन में तवज्जो मिलेगी। भाजपा यदि सत्ता में आती है तो भी यही फार्मूला सरकार के पदों में बरकरार रहेगा। लिहाजा बोर्ड निगम में अध्यक्ष-उपाध्यक्ष तथा डायरेक्टर के पद की आस लगा बैठे पार्टी पदाधिकारियों को अपने बूथ तथा क्षेत्र में बढ़त का सर्टिफिकेट भी देना होगा। पुख्ता सूचना के अनुसार 18 दिसंबर को वोटों की गिनती के कुछ दिन बाद भाजपा बड़े स्तर पर समीक्षा बैठक करेगी। इस बैठक में लोकसभा चुनावों की तैयारियों का रोडमैप तैयार किया जाएगा। इस कड़ी में भितरघात करने वाले पदाधिकारियों की संगठन से छुट्टी होगी और अपने बूथों में बढ़त दिलाने वालों को तरक्की दी जाएगी। पार्टी सूत्रों के अनुसार केंद्रीय हाइकमान ने अभी से इसका खाका तैयार कर लिया है। इसी कड़ी में हिमाचल तथा गुजरात दोनों राज्यों के विधानसभा परिणामों के बाद समीक्षा बैठकें आयोजित करने को कहा गया है। रविवार को हमीरपुर में आयोजित भाजपा की समीक्षा बैठक में भी भितरघात का मसला प्रमुखता से उठाया गया था। चुनाव परिणामों के बाद प्रस्तावित समीक्षा बैठक के चलते हमीरपुर की मीटिंग में भितरघातियों पर कार्रवाई टाल दी गई। बैठक में यह मसला उठाया गया था कि निलंबन की सिफारिशों को रोकना जरूरी है।  लिहाजा भितरघातियों पर भी बड़े फैसले चुनाव परिणाम के बाद प्रस्तावित समीक्षा बैठक में होंगे। इसके लिए पार्टी ने कई मापदंड बनाए हैं। टिकटार्थियों और पार्टी पदाधिकारियों के बूथों का गहनता से अध्ययन होगा। इसके लिए लोकसभा तथा दो विधानसभा चुनावों के आंकड़े लिए जाएंगे। अप्रत्याशित बढ़त दिलाने वाले किसी भी पार्टी कार्यकर्ता पर बड़े से बड़ा आरोप लगाने पर कार्रवाई नहीं होगी। बदले में उन्हें संगठन तथा सरकार दोनों जगह ईनाम मिल सकता है।