भरमौरी सिक्सर की ओर तो कपूर कुर्सी को आतुर

By: Nov 7th, 2017 12:15 am

भरमौर – चंबा के भरमौर विधानसभा क्षेत्र की चुनाव में मानी जा रही हॉट सीट पर मुकाबला आमने-सामने के बजाय त्रिकोणीय हो गया है। वन मंत्री ठाकुर सिंह भरमौरी जीत का सिक्सर लगाने के लिए मैदान में हैं, तो भाजपा की ओर से जिया लाल कपूर अपनी जीत सुनिश्चित कर विधायक की कुर्सी पर विराजमान होने के लिए आतुर हैं। इन दो प्रत्याशियों के बीच भाजपा से बागी होकर चुनाव लड़ने वाले ललित ठाकुर दोनों प्रत्याशियों के समीकरण बिगाड़ने का दम भर रहे हैं। भरमौर में कुर्सी की जंग रोचक हो चुकी है और प्रदेश की इस हॉट सीट पर हर किसी की निगाह टिकी हुई है। भरमौर हलके में कांग्रेस प्रत्याशी ठाकुर सिंह भरमौरी पांच मर्तबा जीत दर्ज कर चुके हैं और उनका लंबा राजनीतिक तजुर्बा चुनाव में काम आएगा। हलके में हुए चुनाव के इतिहास में ठाकुर सिंह भरमौरी ही ऐसे नेता हैं, जो लगातार दो मर्तबा जीत दर्ज करने में कामयाब रहे हैं, जबकि शेष चुनावों में भाजपा-कांग्रेस बारी-बारी यहां जीत दर्ज करती रही है। लिहाजा इस मर्तबा के विस चुनाव में ठाकुर सिंह भरमौरी इस मर्तबा सिक्सर लगाने के लिए चुनावी रण में डटे हुए हैं। श्री भरमौरी वीरभद्र सरकार में वन मंत्री बने, तो इससे पूर्व वह हिमाचल प्रदेश वूल फेडरेशन के अध्यक्ष भी रह चुके हैं। ठाकुर सिंह भरमौरी का एक ओर सबसे मजबूत पक्ष उनका व्यक्तिगत वोट बैंक है। वहीं ठाकुर सिंह भरमौरी का भरमौर की राजनीति में लंबा सफर उनके लिए सबसे ज्यादा प्लस प्वाइंट रहेगा। उधर, भाजपा प्रत्याशी जिया लाल कपूर हलके से दावेदारों की एक लंबी सूची के बाद टिकट हासिल करने में कामयाब रहे हैं। जिया लाल कपूर वर्ष 2012 के विस चुनाव में भी भाजपा प्रत्याशी थे, लेकिन प्रचार के लिए कम समय और नया चेहरा होने के चलते वह इसमें जीत हासिल नहीं कर पाए और 3467 मतों से वह हार गए थे। वहीं इस बार होने जा रहे चुनाव में जियालाल कपूर का क्षेत्र के हर सामाजिक समारोह में शिरकत करना और जनता के बुरे-अच्छे वक्त में उपस्थिति दर्ज करवाना प्लस प्वाइंट होगा। वहीं मतदान से ठीक पहले पूर्व विधानसभा अध्यक्ष तुलसी राम और उनके समर्थकों का साथ मिलने से जिया लाल को एक ओर प्लस प्वाइंट मिल गया है। हलके से भाजपा से बागी होकर मैदान में उतरे ललित ठाकुर दोनों प्रत्याशियों के समीकरणों को बिगाडने का मादा रखते हैं, क्योंकि वह गैर जनजातीय क्षेत्र से संबंध रखते हैं और भरमौर-पांगी विस क्षेत्र के कुल मतदाताओं में से आधे से ज्यादा की संख्या नॉन ट्राइबल से संबंध रखती है। लिहाजा ललित ठाकुर का गैर जनजातीय क्षेत्र से संबंध रखना उनका एक सबसे मजबूत पक्ष है।

आजाद प्रत्याशी के तौर पर एंट्री

ठाकुर सिंह भरमौरी आजाद प्रत्याशी के तौर पर पहली मर्तबा चुनाव में उतरे थे, जिसके बाद 1982,1985, 1993, 2003 और 2012 के चुनाव में निर्वाचित हुए। ठाकुर सिंह भरमौरी की वर्ष 1993 के विस चुनाव में टिकट कट गई थी, बावजूद इसके अपने राजनीतिक अनुभव की बदोलत उन्होंने आजाद प्रत्याशी के तौर पर जीत हासिल कर ली।


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