मंडी में एसटीडी-एसएफडी के काम गिनाए, समीक्षा की

मंडी – भारत सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग की सदस्यीय टीम ने अपने दो दिवसीय दौरे के दौरान 12-13 नवंबर को विकास एवं तकनीकी समिति मंडी व किसान विकास समिति नगवाइर्ं द्वारा चलाए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों का आकलन किया। इस आकलन का मुख्य उद्देश्य विभाग द्वारा एसईईडी कार्यक्रम के अंतर्गत कोर स्पोर्ट स्कीम और टाइम लर्न कार्यक्रमों में किए गए कार्यों की समीक्षा करना था। भारत सरकार द्वारा ये दोनों कार्यक्रम निरंतर विकास और पहाड़ी क्षेत्रों की भौगोलिक परिस्थिति में सुधार के लिए आरंभ किए गए हैं। टाइम प्रोग्राम का हिमाचल के लिए विशेष महत्त्व है, क्योंकि इस कार्यक्रम के अंतर्गत भारत सरकार पहाड़ी क्षेत्र की विशेष परिस्थिति के अनुरूप स्थानीय ज्ञान और गरीबी उन्मूलन के लिए विशेष कार्य कर रही है। विशेषज्ञ टीम द्वारा कोर कार्यक्रम में चल रही विभिन्न गतिविधियों जैसे जैम, बिस्कुट, स्पै्रड, जैविक कीटनाशक, सघन सेब के पौधे लगाना, नई लो चिलिंग सेब की किस्मों को प्रोत्साहन और औषधीय पौधों द्वारा निर्मित सौंदर्य संसाधनों का मूल्यांकन भी किया गया। टाइम कार्यक्रम में चल रहे देशी मधुमक्खी के छत्तों का विकास व नए सुरक्षित छत्तों के निर्माणाधीन कार्य की भी समीक्षा की। टीम में डा. चांडकय, डा. गुलयाणी, डा. भट्ट, डा. राकेश, डा. सामंत व डा. सुनील अग्रवाल विशेषज्ञ के रूप में शामिल रहे। वैज्ञानिक भोपिंद्र मेहता, इंजीनियर गंगा राम व डा. जेआर ठाकुर ने इस अवसर पर एसटीडी व एसएफडी द्वारा किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला।