मंडी में धोखे से बेच डाली दुधमुंही

जोनल अस्पताल में वारदात, शिकायत के बाद पीडि़त मां ने बदला बयान

मंडी— जोनल अस्पताल मंडी में एक सप्ताह पहले जन्मी बच्ची को बेचने (गोद) का मामला सामने आया है। इसमें कथित तौर पर पैसे के लेन-देन की बात भी सामने आई है। यही नहीं, पूरे मामले में जिस प्रक्रिया के जरिए दुधमुंही बच्ची को दूसरे दंपति को गोद दिया गया, वह पूरी तरह से गैरकानूनी है। इस पूरे मामले का पटाक्षेप तब हुआ,जब दुधमुंही  बच्ची की मां व उसकी बहनें बुधवार को बाल कल्याण समिति के समक्ष पहुंची और उसने शिकायत दी कि उसकी बच्ची को दूसरे दंपति को दे दिया गया है। इसके बाद बाल कल्याण समिति की ओर से यह शिकायत सिटी पुलिस चौकी मंडी को भी दी गई। जानकारी के अनुसार पहली नवंबर को चैलचौक क्षेत्र की एक महिला प्रसव के लिए जोनल अस्पताल मंडी आई,जहां उसने एक बच्ची को जन्म दिया। उसके साथ पुरानी मंडी की उसकी जान-पहचान की एक और महिला भी थी। प्रसव के बाद महिला के साथ गई महिला ने अस्पताल की महिला स्टाफ कर्मी से मिलकर बच्चे को किसी को गोद दे दिया। कथित तौर पर इसके बदले में उसे कुछ पैसे दिए गए। बताया जा रहा है कि प्रसूता महिला मानसिक रूप से थोड़ी परेशान है और उसका पति भी उसके साथ नहीं रहता।  प्रसव के समय जो महिला उसके साथ मौजूद थी, उसका नाम व प्रसूता का नाम एक जैसा है। इसके चलते उस महिला ने सौदा करने के लिए खुद ही सारी औपचारिकताएं पूरी करवाई और धोखे से बच्चे को बेच दिया।   इसके बाद समिति की टीम ने अस्पताल में जाकर पूछताछ की। उधर, शाम होते-होते मां ने पुलिस चौकी में यह बयान दे दिया कि उसे बच्ची को देने में कोई आपत्ति नहीं है। गौर हो कि बाल कल्याण समिति के मुताबिक नवजात को गोद लेने की पूरी प्रक्रिया को नोटरी से बनाया गया है।  नोटरी से नवजात को गोद देने की पूरी प्रक्रिया की गई है, जो कि गैर कानूनी है। बाल कल्याण समिति मंडी के अध्यक्ष ने कहा कि चंद्र सिंह ठाकुर बच्ची को गैर कानूनी तरीके से गोद देने के मामले में बाल कल्याण समिति जांच कर रही है। उधर, सिटी पुलिस प्रभारी  कल्याण सिंह ठाकुर ने बताया कि पीडि़त मां को भी बच्ची को गोद देने में कोई आपत्ति नहीं है। उसने गोद देने के कागजात भी पेश किए गए हैं।