महादेव मंदिर में बही ज्ञान की गंगा

 ऊना — उत्तर भारत के प्राचीन धार्मिक स्थल महादेव मंदिर में चल रही श्रीमद्भागवत के दौरान कथाव्यास श्यामानंद महाराज जी ने तीसरे दिन शनिवार को श्रद्धालुओं को प्रवचनों से निहाल किया। उन्होंने कहा कि ईश्वर सर्वव्यापी है। ईश्वर का कोई धर्म नहीं होता है। यह धर्म तो मानव ने स्वयं बनाए हैं। कथा के दौरान श्रद्धालुओं ने मंदिर के महंत स्वामी मंगलानंद जी महाराज से भी आशीर्वाद प्राप्त किया। कथा व्यास श्यामानंद महाराज ने कहा कि भगवान हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई किसी भी दायरे में सीमित नहीं हैं। हमें धर्म के नाम पर लड़ाई-झगड़ा नहीं करना चाहिए, बल्कि समाज में हर एक से प्रेम भाव से रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस धरती पर जब भी भगवान ने मनुष्य रूप धारण किया है तो उन्होंने इनसान को भाईचारे का ही संदेश दिया है। उन्होंने कहा कि मनुष्य के कर्म अच्छे हो तो सब कुछ अच्छा होता है। उन्होंने कहा कि कर्म अच्छे होने से परिवार धन्य होता है। उन्होेंने कहा कि जो व्यक्ति अपनी मर्यादा से दूर होकर उसकी उल्लंघना करता है, उसके मन को कभी भी शांति नहीं मिलती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य को झूठ, कपट, छल व द्वेष का त्याग करना चाहिए, ऐसा तभी संभव हो सकता है, यदि मनुष्य खुद को बदलें। सभी का त्याग करने पर ही मनुष्य को शांति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि मनुष्य हर पल मृत्यु से घिरा हुआ है, मृत्यु का कोई समय नहीं होता। हर पल मृत्यु के साए में रहने पर भी मनुष्य अनेक लालसाओं में जी रहा है।