मेडिसिन लाइसेंस अब आसानी से होगा रिन्यू

By: Nov 6th, 2017 12:15 am

दवा निर्माताओं-विक्रेताओं को केंद्रीय मंत्रालय से राहत

बीबीएन – दवा निर्माताओं और दवा विके्रताओं को दवा लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए अब बार-बार कागजी प्रक्रिया से नहीं गुजरना होगा। नए प्रावधान के अनुसार अगर कोई व्यक्ति दवा बेचने या दवा बनाने के लिए एक बार लाइसेंस लेगा, तो वह हमेशा के लिए वैध होगा। इसके बाद हर पांच साल पर उसे लाइसेंस नवीनीकरण के लिए केवल फीस जमा करवानी होगी। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस सबंध में अधिसूचना जारी कर दी है। केंद्र सरकार ने ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के तहत लाइसेंस नवीनीकरण को सहज बनाया है, इससे व्यापारियों और दवा निर्माताओं को सहूलियत होगी। केंद्रीयस्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय ने लाइसेंस नवीनीकरण के लिए नई गाइडलाइन में दवा निर्माताओं और दवा विके्रताओं को बड़ी राहत दी है। नए प्रावधान के मुताबिक लाइसेंस नवीनीकरण की कागजी प्रक्रिया खत्म कर दी गई है। अगर कोई दवा निर्माता या दुकानदार निर्धारित तिथि पर शुल्क नहीं जमा करा पाता है, तो उसे प्रति माह दो फीसदी लेट फीस के रूप में देना होगा। छह महीने तक लेट फीस जमा न करने पर संबंधित व्यक्ति का लाइसेंस रद्द कर दिया जाएगा। इसके अलावा ड्रग इंस्पेक्टर तीन वर्ष में एक बार या फिर जोखिम की स्थिति में ही मेडिकल स्टोर और दवा निर्माता उद्योग का निरीक्षण करेंगे। अधिसूचना के मुताबिक अब ड्रग्स लाइसेंस के नवीनीकरण के लिए सिर्फ सरकारी फीस के चालान जमा करवाने के बाद उसकी मूल प्रति ड्रग्स कंट्रोल आफिस के कार्यालय में जमा करवाना होगी। इसके बाद कार्यालय के नियमानुसार समयावधि के बाद फार्म नंबर-21 के माध्यम से फर्म का ड्रग लाइसेंस नवीनीकरण कर दवा व्यवसायी रिटेल, होलसेल, राज्य वितरक एवं दवा निर्माता को ई-मेल या डाक या स्वयं की उपस्थिति के समय उपलब्ध करवा दिया जाएगा। दवा व्यवसायियों के शपथ पत्र एवं अन्य दस्तावेजों को तैयार करने मे लगने वाले समय से निजात मिल जाएगी। जो दवा व्यवसायी पांच वर्ष की अवधि के लिए मान्य ड्रग्स लाइसेंस के नवीनीकरण में किन्हीं कारणों से लेट हो जाते हैं, उन्हें छह महीने में निर्धारित फीस का दो प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क जमा करवाकर लाइसेंस नवीनीकरण करवाने की छूट मिलेगी। छह महीने तक लाइसेंस नवीनीकरण न करवा पाने की स्थिति में छह माह एक दिन के पश्चात संबंधित दवा व्यवसायी का लाइसेंस अपने आप असद माना जाता था, अब भी ऐसा ही होगा।

गड़बड़ पर ऐसा नहीं

अब तक दवा निर्माताओं और दुकानदारों को लाइसेंस लेने के बाद हर पांच साल पर नवीनीकरण की प्रक्रिया से गुजरना पड़ता था। ताजातरीन गाइडलाइन जारी होने के बाद इस प्रक्रिया को खत्म कर दिया गया है। नई गाइडलाइन में स्पष्ट किया गया है कि दवा निर्माता या दुकानदार पर अगर किसी प्रकार की कार्रवाई की जाती है, तो उसे दोबारा नए सिरे से लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस निलंबित होने पर पर भी पूरी प्रक्रिया पहले की तरह ही होगी। सनद रहे कि केंद्र सरकार ने 31 मार्च, 2017 को एक मसौदा जारी कर दवा व्यवसायियों आमजन से सुझाव आपत्तियां आमंत्रित की थी, जिसके बाद दवा व्यवसायी संगठन आमजन से मिली प्रतिक्रियाओं के आधार पर अब केंद्र ने नई गाइडलाइन की अधिसूचना जारी कर दी है।


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