रियल इस्टेट में रॉयल करियर

By: Nov 22nd, 2017 12:15 am

करियर के तौर पर रियल एस्टेट को सिर्फ  प्रापर्टी डीलर या कमीशन एजेंट्स के रूप में ही देखा जाता है, लेकिन आज इस क्षेत्र के विस्तार से नौकरियों की भरमार है। इस क्षेत्र में घर, आफिस, इंडस्ट्रियल प्रापर्टी और कारपोरेट फार्म लैंड की खरीद और बिक्री करने के अतिरिक्त प्रापर्टी प्रबंधन, प्रापर्टी मैनेजर, फैसेलिटीज मैनेजर, रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट, भूमि विकास, बैंकों की मॉडगेज सर्विस, शहरी प्लानिंग, रियल एस्टेट काउंसिलिंग, प्रापर्टी का मूल्य आकलन और रिसर्च भी शामिल हैं…

देश में कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री (निर्माण उद्योग) बहुत तेजी से बढ़ रही है। एक सर्वेक्षण के अनुसार पिछले पांच वर्षों में  निर्माण उद्योग में  सर्वाधिक प्रगति हुई है। यह क्षेत्र प्रतिवर्ष 30 से 40 प्रतिशत प्रतिवर्ष  की दर से बढ़ रहा है। एक अनुमान के अनुसार  कुछ वर्षों तक भारत एशिया की सबसे बड़ी रियल एस्टेट मार्केट का रूप ले लेगा। औद्योगिक निर्माण  हालांकि  पूरे निर्माण उद्योग का एक अपेक्षाकृत छोटा हिस्सा है, पर  यह एक बहुत ही महत्त्वपूर्ण  घटक है। इन परियोजनाओं के मालिक  आमतौर पर बड़े  लाभ पर ध्यान केंद्रित कर कार्य करते हैं। निर्माण उद्योग के विस्तार और बड़ी कंपनियों के  इस क्षेत्र में उतरने से मांग लगातार बढ़ रही है।  इस कारण इस क्षेत्र में  एक उज्ज्वल भविष्य प्रतीक्षारत है। भारतीय रियल एस्टेट इंडस्ट्री साढ़े 3 करोड़ से अधिक लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है । नेशनल हाउसिंग बैंक की 2014-15 रिपोर्ट के अनुसार देश में रोजगार सृजन के मामले में रियल एस्टेट इंडस्ट्री चौथे पायदान पर है । इंडस्ट्री विकास कर रही है और रियल एस्टेट सेक्टर संबंधित विभिन्न विषयों में माहिर पेशेवरों की मांग भी बढ़ रही है ।

निजी क्षेत्र में संभावनाएं

रियल इस्टेट कंपनियां प्रोफेशनल्स को फाइनांस इंश्योरेंस, मार्केटिंग, लीगल प्लानिंग एंड डिवेलपमेंट जैसे कार्यों के लिए एग्जीक्यूटिव के रूप में  नियुक्त करती हैं। इन कंपनियों में मैनेजर ट्रेनी, असिस्टेंट मैनेजर,सेल्स एग्जीक्यूटिव, लीगल एग्जीक्यूटिव और प्रोजेक्ट कंसल्टेंट के रूप में करियर बना  सकते हैं। निजी क्षेत्र में भी करियर की संभावनाएं हैं। आधारभूत क्षेत्र  सड़क, बिजली, बांध और नहर आदि क्षेत्रों की विकास परियोजनाओं में प्रोजेक्ट मैनेजर साइट आफिसर और  सुपरवाइजर आदि के रूप में करियर बनाया जा सकता है। आर्किटेक्चर के डिग्रीधारक को तो मौके  मिलते ही हैं, बिल्डिंग और कंस्ट्रक्शन के पेशेवर लोग अपनी निजी कंपनी भी खोल सकते हैं।

सरकारी क्षेत्र में संभावनाएं

लोक  निर्माण विभाग, डाक विभाग, तार- रेलवे तथा टाउन और कंट्री प्लानिंग जैसे विभागों में इस क्षेत्र में बड़ा स्कोप है। सरकारी क्षेत्र में  रोजगार की संभावनाओं को देखते हुए रियल एस्टेट का एक विस्तृत दायरा है।

प्रमुख शिक्षण संस्थान

* नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ  कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट एंड रिसर्च, मुंबई

* इंडियन स्कूल ऑफ  रियल एस्टेट, पुणे

* स्कूल ऑफ  प्लानिंग एंड आर्किटेक्चर, नई दिल्ली

* स्टेट फॉर एन्वायरनमेंट प्लानिंग ऑफ रियल एस्टेट मैनेजमेंट, मुंबई

* नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ  रियल एस्टेट मैनेजमेंट, नई दिल्ली

बहुविकल्पीय क्षेत्र

यह क्षेत्र  एक बहुविकल्पीय और  जॉब प्रदान करने वाला है। आर्किटेक्ट भवन का मैप तैयार करता है, उस मैप को साकार रूप देने की  जिम्मेदारी सिविल इंजीनियरों की होती है। नक्शा बनने के बाद निर्माण स्थल का  सर्वेक्षण तकनीकी और  वित्तीय  पक्ष की जांच-पड़ताल और निर्माण कार्य की योजना बनाई जाती है। इंटीरियर डिजाइनरों की जरूरत भी  आखिर में पड़ती है। इसके अलावा कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट प्रोफेशनल की आवश्यकता भी होती है।

शैक्षणिक योग्यता

रियल एस्टेट में विभिन्न कार्यों के अनुसार ही शैक्षणिक योग्यता भी अलग-अलग होती है। जिससे संबंधित पढ़ाई अलग-अलग संस्थानों में की जाती है । कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट  डिप्लोमा हासिल करने के लिए न्यूनतम योग्यता इंजीनियरिंगए आर्किटेक्चर का किसी भी शाखा में ग्रेजुएट डिग्री या आर्ट्स कॉमर्स या साइंस में पोस्ट ग्रेजुएट डिग्री होना जरूरी है। इसके अलावा कंपनी सचिव चार्टर्ड अकाउंटेंट ग्रेजुएट इंजीनियर और वास्तुकार आदि के लिए  काम करने के लिए भी निर्धारित योग्यता होनी चाहिए। कंस्ट्रक्शन मैनेजमेंट में पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पत्राचार माध्यम से भी उपलब्ध है।

सामूहिक श्रम से सफलता

किसी भी चीज का निर्माण एक सामूहिक श्रम  होता है। कोई एक व्यक्ति अकेला किसी निर्माण को पूरा नहीं कर  सकता। जहाज को बनाने की बात हो या सूई को बनाना हो, सामूहिक श्रम से ही काम होगा। वास्तुकला और सिविल इंजीनियरिंग के क्षेत्रों में निर्माण एक प्रक्रिया है, जिसमें निर्माण या बुनियादी सुविधाओं का एकत्रीकरण किया जाता है। सामान्य रूप से  काम परियोजना प्रबंधक करता है और निर्माण प्रबंधक, डिजाइन इंजीनियर, निर्माण  इंजीनियर या  परियोजना वास्तुकार की देखरेख में संपन्न होता है। परियोजना के सफल निष्पादन के लिए प्रभावी योजना बनाना आवश्यक है।

कौन-कौन से स्किल्स हैं जरूरी

* जॉब को लेकर पैशन

* आर्गेनाइजेशन स्किल्स

* रियल एस्टेट सेक्टर की हर छोटी से छोटी जानकारी

* नेगोसिएशन

2022 तक करोड़ों कामगारों की होगी जरूरत

एक रिपोर्ट के अनुसार 2022 तक भारत को रियल एस्टेट और कंस्ट्रक्शन सेक्टर में करीब 8 करोड़ माहिर पेशेवरों की जरूरत होगी । ये आंकड़े कारपोरेशन ने 24 सेक्टरों का अध्ययन करने के बाद सामने रखे हैं, लेकिन 2022 तक रियल इस्टेट सेक्टर में सबसे ज्यादा वर्क फोर्स की जरूरत पड़ेगी। वर्ष 2030 तक किफायती आवासों की मांग 2 करोड़ 90 लाख से 3 करोड़ 80 लाख हो जाएगी।

मंदी में भी रोजगार कम नहीं

गत वर्षों  मंदी के दौर से गुजरने के बावजूद रियल इस्टेट अब भी नई नौकरियां देने में सबसे आगे है। कई बिजनेस मैनेजमेंट छात्रों को सबसे ज्यादा इस फील्ड में मौके मिल रहे हैं । आर्थिक मंदी में भी इस क्षेत्र ने नई नौकरियां दीं।

चुनौतीपूर्ण व संतोषप्रद करियर

इस सेक्टर में काम करने की चाह रखने वाले एक चुनौतीपूर्ण करियर की आस कर सकते हैं। कंसल्टिंग तथा फाइनांस जॉब्स विशेष रूप से लाभान्वित कर सकती हैं, जो एक संतोषप्रद करियर मानी जा सकती हैं ।

वेतनमान

इस क्षेत्र में वेतनमान इस बात पर निर्भर करता है कि आप सरकारी क्षेत्र में कार्यरत हैं या  निजी क्षेत्र में।  आपको  वरिष्ठता के अनुसार वेतन मिलता है और निजी क्षेत्र में कंपनी के ऊपर है कि वह  कितना पैकेज देती है।

रियल एस्टेट में करियर ऑप्शंस

रेजिडेंशियल रियल एस्टेट ब्रोकर : ऐसा ब्रोकर जो रेजिडेंशियल प्रापर्टी को खरीदने और बेचने का काम करता है।

कॉमर्शियल रियल एस्टेट ब्रोकर : ऐसा ब्रोकर जो होटल, आफिस, कॉमर्शियल बिल्डिंग को खरीदने और बेचने का काम करता हो। यही नहीं, इसके लिए उसे मार्केट की अच्छी नॉलेज होना जरूरी है।

रियल इस्टेट इन्वेस्टमेंट कंसल्टेंट : ये कंसल्टेंट लोगों को उनकी प्रापर्टी  इन्वेस्ट करने में सलाह देते हैं। इन्हें रियल एस्टेट मार्केट की काफी गहरी जानकारी होती है।

प्रापर्टी मैनेजर : ये मैनेजर किसी प्रोफेशनल प्रापर्टी मैनेजमेंट फर्म के पार्ट होते हैं और किसी की इन्वेस्टमेंट प्रापर्टी की देखभाल करते हैं।  प्रापर्टी किराए, लीज पर लेना और कस्टमर्स से डील करना इनका काम होता है। इसके लिए आपको अच्छे से नेगोसिएशन करना आना चाहिए।

फैसेलिटीज मैनेजर :  फैसेलिटीज मैनेजर का कांसेप्ट बडे-बड़े रिएल एस्टेट प्रोजेक्ट से जुड़ा है। इनका काम बड़े-बड़े रेजिडेंशियल टाउनशिप, मॉल्स, आफिस बिल्डिंग की बिक्री में ज्यादा से ज्यादा लाभ दिलाना होता है।

रियल एस्टेट एनालिस्ट :  रियल एस्टेट एनालिस्ट का काम लोगों को निवेश के लिए बेहतर लोकेशन, जमीन या अन्य प्रापर्टी के बारे में सूचनाएं और जानकारियां उपलब्ध करवाना है।

आत्मविश्वास से इस फील्ड में उतरें

पवन साहनी प्रो. देवभूमि अपार्टमेंट सोलन

रियल एस्टेट में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने पवन साहनी से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

रियल एस्टेट में करियर के क्या स्कोप है?

मकान अब सभी की जरूरत बन गया है, जिसके चलते रियल एस्टेट में  करियर के  काफी स्कोप हैं। आने वाले समय में भी रियल एस्टेट की डिमांड बढ़ती जा रही है। निर्माण कार्य की होड़ के चलते इस क्षेत्र में युवाओं का करियर के लिहाज से भविष्य सुनहरा है।

इस क्षेत्र में करियर बनाने के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होती है?

रियल एस्टेट में करियर बनाने के लिए सिविल  इंजनीयरिंग व एमबीए करने की अवश्यकता होती है। इस स्तर की शैक्षणिक योग्यता हासिल करने के बाद बेहतर करियर की उम्मीद रियल एस्टेट में की जा सकती है।

कौन सा कोर्स करने के बाद इस क्षेत्र में उतरा जा सकता है?

सिविल इंजीनियरिंग व  आर्किटेक्चर, इंटर्नल डेकोरेशन का कोर्स करने के बाद युवाओं द्वारा रियल एस्टेट के क्षेत्र में उतरा जा सकता है। अगर आपको इस विषय का पूरा ज्ञान है, तो करियर का यह क्षेत्र आपके लिए फायदे का सौदा साबित होगा।

क्या प्रदेश में रियल एस्टेट से संबद्ध पाठ्यक्रम कहीं चलता है?

प्रदेश में सभी निजी व सरकारी क्षेत्र में रियल एस्टेट से संबद्ध कोर्स करवाए जाते हैं। इन संस्थानों से कोर्स करने के बाद करियर बनाया जा सकता है।

रोजगार की संभावनाएं किन क्षेत्रों में हैं?

इस क्षेत्र में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। रियल एस्टेट में मार्केट , भवन निर्माण ,लेबर वर्क, लेखा विभाग में रोजगार की अच्डी संभावनाएं रहती हैं। अगर आप मेहनती हैं, तो आपके पास काम की कोई कमी नहीं रहती। रियल स्टेट में कभी भी मंदी का दौर नहीं रहता है।

आरंभिक आय इस क्षेत्र में कितनी होती है?

रियल एस्टेट में अच्छी इन्वेस्टमेंट करने से प्रत्येक व्यक्ति  को लाभ हो सकता है। आप जितना पैसा इस फील्ड में लगाएंगे, आमदनी उसी हिसाब से होगी। न इस फील्ड में काम की कमी है और न ही पैसे की।

इस फील्ड में आने वाले युवाओं को किन चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

रियल एस्टेट में युवाओं के लिए सबसे अधिक चुनौती प्रतिस्पर्धा है। इस क्षेत्र में कंपीटीशन बहुत ज्यादा है, तो आपको खुद को इस हिसाब से तैयार करना है कि आप इस क्षेत्र की प्रतिस्पर्धा को फेस कर सकें। इस फील्ड में शैक्षणिक योग्यता भी युवाओं के लिए चुनौती है।

कोई नई जानकारी जो आप पाठकों से साझा करना चाहते हैं?

कुछ जरूरी बातें इस फील्ड में ध्यान देने योग्य हैं। ग्राहकों क सबसे पहले कोई भी   फ्लैट खरीदने से पहले एनओसी को चैक करना चाहिए।  भवन कब बना, इस बारे में भी   फ्लैट खरीदने से पहले जांच आवश्य कर लेनी चाहिए। इस क्षेत्र में थोड़ी सी अनदेखी काफी ज्यादा नुकसान करवा सकती है।

जो युवा रियल एस्टेट में करियर बनाने के इच्छुक हैं, उनके लिए कोई प्रेरणा संदेश दें?

रियल एस्टेट में करियर बनाने के लिए अपने आप पर विश्वास होना चाहिए । पूरे विश्वास के साथ इस फील्ड में उतरें, तो कोई संदेह नहीं कि रियल एस्टेट आपके लिए फायदे का सौदा न हो। बाकी यह क्षेत्र मेहनत भी मांगता है और मेहनत के साथ-साथ आपको इस फील्ड का पूरा ज्ञान होना भी लाजिमी है। पूरे विश्वास से इस फील्ड में उतरें।

– तोमर सिंह, सोलन

 


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