लहलहाते खेत कर दिए बंजर किसानों को उजाड़ गए बंदर

हमीरपुर— बिझड़ी ब्लॉक का मंगनोटी गांव बंदरों के उत्पात से बंजर हो गया है। आज से पांच साल पहले इस गांव में 250 कनाल भूमि पर हरी भरी खेती की जाती थी, लेकिन वर्तमान में यह सारी भूमि अब बंजर हो गई है। बंदरों के सताए लोगों ने गांव में खेतीबाड़ी करना ही छोड़ दिया है। अब यहां खेतों में न तो गेहूं की फसल लहराती है और न ही मक्की देखने को मिलती है। बंदरों से परेशान किसानों ने खेतीबाड़ी से पलायन करना ही सही समझा है। बता दें कि हमीरपुर के अकेले बिझड़ी ब्लॉक की 22 पंचायतों सोहारी, कड़साई, कनोह, कुलेहड़ा, समताना, भैल, रैल्ली, खलवाल, झंजियानी, मक्कड़, कलौहन, बड़सर, जौड़ेअंब, ननावां, दबडि़याना, टिक्कर राजपूतां, क्याराबाग, जजरी, करेर, सौर, लोद्दु और बनी पंचायत के 74 से ज्यादा गांवों के किसान करीब 11 हजार 250 कनाल भूमि को बंदरों के डर से बंजर छोड़ चुके हैं। ऐसे में आने वाले दिनों में यह आंकड़े और ज्यादा बढ़ सकते हैं। बंदर लोगों की खेतीबाड़ी को बंजर बनाए की कोई कसर नहीं छोड़ रहे। ग्रामीण तेजनाथ ने बताया कि इससे पहले इसी गांव की 250 कनाल भूमि पर लोगों द्वारा टनों अनाज उगाया जाता था। उन्होंने बताया कि मंगनोटी गांव की सीमा के साथ लगता ढुढार गांव भी बंदरों का सताया हुआ है। यहां भी 175 कनाल से ज्यादा की जमीन सालों से बंजर पड़ी हुई है। यह दोनों गांव सोहारी पंचायत में ही पड़ते हैं। बंदर पिछले पांच सालों से इन गावों की 425 कनाल भूमि को बंजर बना चुके हैं। डिंपल का कहना है कि बंदर किसानों का फसलों से तो नाता छुड़वा ही चुके है, अब घरों में घुस उत्पाद मचाकर नुकसान पहुंचा रहे हैं।

साल दर साल बढ़ रहा बर्बादी का आंकड़ा

कृषि विभाग के उपनिदेशक डा. विनोद कुमार शर्मा ने बताया कि अकेले बिझड़ी ब्लॉक की 22 पंचायतों के 74 गावों की खेतीबाड़ी को बंदरों ने उजाड़ दिया है। ब्लॉक में कुल छह हजार हेक्टयेर भूमि पर खेतीबाड़ी की जाती थी, जिसमें से अब तक 450 हेक्टेयर से ज्यादा की भूमि बंदरों के कारण बंजर हो चुकी है। यह आंकड़ा साल दर सर बढ़ता ही जा रहा है।