शहर का चोर गांव में रॉबिन हुड

यह कहानी है, एक ऐसे एटीएम चोर की जो शहर में लोगों के लिए चोर था, लेकिन अपने गांव के लोगों के लिए महान दानी है। गांव में किसी की शादी हो, नामकरण समारोह हो या फिर कोई भी उत्सव, वह लोगों की मदद के लिए हमेशा तैयार रहता है। इन समारोहों में वह हजारों रुपए दान करता आया है। फिलहाल यह ‘रॉबिन हुड’ सलाखों के पीछे है। कोलेगाला चिकबालापुर निवासी 30 वर्षीय शिवकुमार पर करीब 1.3 करोड़ रुपए चुराने का आरोप है। पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013 में शिवकुमार ने एक प्राइवेट सिक्योरिटी एजेंसी ज्वाइन की थी। इस एजेंसी के तहत उसकी जिम्मेदारी एटीएम में कैश रखने की थी। पुलिस ने उसे 1.3 करोड़ रुपए चुराने के आरोप में गिरफ्तार किया है। शिवकुमार के पास एचडीएफसी और आईसीआईसीआई बैंक की करीब 31 एटीएम की जिम्मेदारी थी। उसे एक यूनीक पासवर्ड दिया गया था। एटीएम के पैसे चुराने के लिए शिवकुमार ने जो तरकीब अपनाई, उसके मुताबिक जिस एटीएम में एक करोड़ रुपए रखने होते, वहां वह सिर्फ 90 लाख रुपए रखता और बिल एक करोड़ का दिखाता। इस तरह से अलग-अलग एटीएम के जरिए उसने दो से तीन लाख और कभी-कभी पांच लाख रुपए चुराए। करीब डेढ़ साल में उसने 1.3 करोड़ रुपए का चूना लगाया। दस अक्तूबर को उसने एक ही बार में 80 लाख रुपए चुराए, जिसके बाद अधिकारियों को थोड़ा शक हुआ। बाद में उसी दिन वह छुट्टी पर चला गया। इसके बाद नौकरी पर नहीं लौटा। बैंक अधिकारियों का शक और पुख्ता हुआ। जब पड़ताल की गई तब रुपए चोरी होने का खुलासा हुआ। बैंकों की तरफ से एजेंसी के मैनेजर से शिकायत की गई। इस शिकायत के आधार पर पुलिस ने कोलेगाला से शिवकुमार को गिरफ्तार कर लिया। शिवकुमार अपने गांव के लोगों पर खुलकर खर्च करता था। किसी भी तरह के उत्सव में वह 10-25 हजार रुपए तक दान कर देता था। इतना ही नहीं शराब के ठेके पर उसने करीब 25 हजार रुपए अडवांस जमा कराया था, ताकि पीने वाले सिर्फ उसका नाम लें और शराब उपलब्ध हो जाए। शिवकुमार को जब यह एहसास हो गया कि अब वह बच नहीं पाएगा और पुलिस उसे कभी भी गिरफ्तार कर सकती है, तो उसने एक वकील को एडवांस पैसे दे दिए ताकि ऐसी स्थिति में तुरंत उसे जमानत मिल सके। पुलिस ने चोरी के 90 लाख रुपए की रिकवरी कर ली है।