समय पर बारिश न हुई, तो सूखे की नौबत

घुमारवीं  — पंजाब तथा हरियाणा राज्यों में हरित क्रांति लाने में अपनी सहभागिता निभाने वाले बिलासपुर जिला की खेती पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है। जिला बिलासपुर में होने वाली कुल खेती के क्षेत्रफल का 82 फीसदी भाग बारिश पर निर्भर है। जिला में केवल 18 फीसदी क्षेत्रफल में ही सिंचाई की सुविधा है। आलम यह है कि उपयुक्त समय पर बारिश हुई, तो पैदावार अच्छी नहीं, तो किसानों को झेलना पड़ेगा सूखा। जिला बिलासपुर में दावों के विपरीत फसल की पैदावार पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है। कृषि प्रधान जिला बिलासपुर में लगभग 31,878 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में खेती की जाती है। जिसमें करीब 27 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में गेंहू की बिजाई होती है। इसमें से पांच से छह हजार हेक्टेयर भूमि पर ही सिंचाई सुविधा है। इससे कृषि पर निर्भर रहने वाले हजारों किसानों की फसल बारिश के ही भरोसे है। समय पर बारिश न होने से जिला के किसान कई बार सूखे की मार भी झेल चुके हैं। इससे किसान भी हतोत्साहित होते हैं। कड़ी मेहनत करके किसान अपने खेतों में फसल उगाते हैं, लेकिन समय पर बारिश न हुई तो उनकी फसल सूखे की चपेट में आ जाती है। किसानों में शामिल प्रेम सिंह, रतन लाल, दीनानाथ, सुरेंद्र, जमना दास तथा रमेश कुमार सहित अन्यों का कहना है कि बिलासपुर में किसानों की खेती पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है। यदि उपयुक्त समय पर बारिश हो जाए, तो अच्छी फसल होगी, नहीं तो उन्हें सूखे का सामना करना पड़ता है।

नवंबर आधा बीता, अब सताने लगी चिंता

जिला के किसानों का कहना है कि इसा साल नवंबर माह आधा बीत जाने के बावजूद भी बारिश नहीं हुई है। जिस कारण किसानों को गेहूं की बिजाई की चिंता सता रही है।