साइबर सुरक्षा को एकजुट हों देश

आंतकवाद-हैकिंग से बचने के लिए पीएम मोदी का आह्वान

नई दिल्ली— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर सुरक्षा के प्रति सजगता को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील करते हुए कहा कि डिजिटल क्षेत्र को आतंकवाद तथा अन्य बुरी ताकतों से मुक्त रखने के लिए सभी देशों को मिलकर जिम्मेदारी लेनी होगी। श्री मोदी ने साइबर सुरक्षा पर पांचवें वैश्विक सम्मेलन के उद्घाटन के मौके पर कहा, राष्ट्र को यह सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदारी लेनी चाहिए कि डिजिटल क्षेत्र आंतकवाद और कट्टरपंथ की बुरी ताकतों के खेल का मैदान न बन जाए। इस सतत परिवर्तिनीय खतरे से निपटने के लिए सुरक्षा एजेंसियों के बीच सूचनाएं साझा करना और आपसी सहयोग जरूरी है। इंटरनेट के मुक्त और सबकी पहुंच में होने के प्रयास में इसे लेकर खतरे भी सामने आते हैं। हैकिंग और वेबसाइटों से छेड़छाड़ की खबरें सिर्फ इसका छोटा सा हिस्सा भर है। ये इस बात का संकेत हैं कि साइबर हमले बड़ा खतरा हैं, विशेषकर प्रजातांत्रिक दुनिया के लिए। हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सामाज का कोई भी वर्ग साइबर अपराधियों की बुरी मंशाओं का शिकार न हो।

गोपनीयता-पारदर्शिता के बीच संतुलन जरूरी

नई दिल्ली— प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साइबर सुरक्षा को जीवन का हिस्सा बनाने की अपील करते हुए गोपनीयता और पारदर्शिता के बीच संतुलन को जरूरी बताया। श्री मोदी ने कहा कि साइबर हमले प्रजातांत्रिक दुनिया के लिए आज बड़ा खतरा बन गया है। उन्होंने कहा, साइबर सुरक्षा हमारी जीवन शैली का हिस्सा होना चाहिए। हम गोपनीयता और पारदर्शिता तथा डिजिटल एवं सुरक्षा के बीच संतुलन स्थापित कर सकते हैं। पारदर्शिता और निजता के महत्त्वपूर्ण प्रश्नों के उत्तर ढूंढने की जरूरत है। प्रधानमंत्री ने डिजिटल इंडिया के माध्यम से देश में लोगों के जीवन शैली में आए बदलावों का उल्लेख करते हुए कहा कि इंटरनेट का स्वभाव समावेशी है।