सोने की डिमांड 25 फीसदी घटी

जीएसटी ने बिगाड़ी चाल, वैश्विक स्तर पर भी गिरावट

बंगलूर— वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में सोने पर तीन प्रतिशत कर तय किए जाने से चालू कैलेंडर वर्ष की तीसरी तिमाही में देश में सोने की मांग करीब 25 प्रतिशत गिर गई। दुनिया के दूसरे सबसे बड़े आयातक देश में मांग में इस कमी के कारण वैश्विक मांग आठ साल के निचले स्तर पर रह गई। विश्व स्वर्ण परिषद की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के अनुसार 30 सितंबर को समाप्त तिमाही में देश में सोन की मांग 114.9 टन रही, जबकि पिछले साल की समान तिमाही में यह 152.7 टन रही थी। सोने की ईंटें तथा सिक्कों आदि की मांग (निवेश मांग) भी 23 प्रतिशत घटकर 31 टन रह गई। पिछले साल जुलाई से सितंबर के बीच यह 40.1 टन रही थी। रिपोर्ट में कहा गया है कि जीएसटी लागू होने से पहले ही उपभोक्ताओं ने अपनी खरीद बढ़ा दी थी। इसलिए साल की पहली दो तिमाहियों में मांग में वृद्धि दर्ज की गई थी। वहीं, जुलाई में मांग लगभग सपाट रही, जबकि अगस्त और सितंबर में इसमें गिरावट देखी गई। इसमें कहा गया है कि जुलाई में जीएसटी लागू होना भी (मांग में कमी का) एक कारण रहा। जहां बड़े एवं संगठित रिटेलर अपने बेहतर इन्वेंटरी प्रबंधन के दम पर नई कर प्रणाली के साथ तारतम्य बिठाने के लिए तैयार थे तो दूसरी ओर छोटे तथा असंगठित रिटेलरों को परेशानी का सामना करना पड़ा। परिषद ने बताया कि मानसून ने इस साल मिश्रित संकेत दिए हैं। हालांकि, मानसून लगभग सामान्य रहा, लेकिन अंतिम महीनों में कुछ जगह बारिश काफी हुई तो अन्य जगहों पर ज्यादा बारिश ने फसलों को नुकसान पहुंचाया। वहीं, सरकार के कई फसलों पर न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ाने से ग्रामीण धारणा कुछ बेहतर हुई है। उसका कहना है कि जेवराती मांग के लिए सीमित आशावाद के लिए पर्याप्त कारक हैं।