3 हफ्ते में दें जवाब क्यों नहीं दी पेंशन

By: Nov 25th, 2017 12:31 am

वृद्धावस्था-विधवा पेंशन न देने की शिकायत पर हाई कोर्ट सख्त

शिमला— प्रदेश सरकार ने डाक विभाग के माध्यम से ऑनलाइन पेंशन देने की व्यवस्था तो कर रखी है, लेकिन डाक विभाग की कथित लापरवाही के चलते यह पेंशन पात्र लोगों को समय पर नहीं मिल रही। शिमला जिला के कुछ क्षेत्रों के लोगों ने हाई कोर्ट को लिखे पत्र में वृद्धावस्था और विधवा पेंशन न मिलने की शिकायत की है। हाई कोर्ट ने इसका कड़ा संज्ञान लेते हुए इस मामले में सरकार और प्रदेश के डाक विभाग के प्रमुख चीफ पोस्टमास्टर जनरल से तीन सप्ताह के भीतर जवाब तलब किया है। इन इलाकों के कुछ लोगों द्वारा मुख्य न्यायाधीश को लिखे पत्र पर हाई कोर्ट ने यह संज्ञान लिया है। शिमला जिला के रोहड़ू तहसील के गांव लरोट निवासी परजा देवी व बलासु देवी, खरशाली के भजन दास, ठाकुरसेन व चैन राम, खबल से रतनी देवी, लींगन से गोपाल सिंह तथा चिड़गांव से भागमल द्वारा संयुक्त रूप से हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश के नाम पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया था कि उनको पेंशन नहीं मिली है। प्रार्थियों का कहना है कि उन्हें प्रदेश सरकार के सामाजिक कल्याण विभाग द्वारा दी जा रही वृद्धावस्था और विधवा पेंशन इस वर्ष मार्च महीने से नहीं मिली है। इन लोगों ने सामाजिक न्याय एवं आधिकारिता विभाग के समक्ष यह मामला उठाया। इस पर उनको विभाग की ओर से बताया गया कि उनकी पेंशन राशि विभाग ने डाक विभाग के पास वितरण के लिए मार्च में ही जमा करवा दी थी। पेंशन ऑनलाइन डाली जाती है, लेकिन डाक विभाग की कथित लापरवाही के चलते इसका वितरण नहीं हो पा रहा।

ट्रेंड स्टाफ ही नहीं

विभाग ने प्रार्थियों को बताया कि गांवों के डाकघरों में कम पढ़े-लिखे स्टाफ व कम्प्यूटर ट्रेंड स्टाफ न होने के कारण इसका वितरण नहीं किया जा सका है। विभाग की ओर से बताया गया कि इसके चलते शिमला जिला के रोहड़ू, जुब्बल, चौपाल व ठियोग इलाकों के डाकघरों में यह राशि वितरण के लिए लंबित पड़ी हुई है। कोर्ट के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय करोल व न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की खंडपीठ ने इस पर कड़ा संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और डाक विभाग के पोस्टमास्टर जनरल को नोटिस जारी कर उनसे तीन सप्ताह के भीतर जवाब मांगा है।


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