हिमाचल की रानी का दंगल

देवभूमि हिमाचल की बेटियां अब हर क्षेत्र में अपना लोहा मनवा रही हैं। सोलन की रहने वाली कुमारी रानी ने राष्ट्रीय स्तर पर ऑल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीत कर प्रदेश का नाम रोशन किया है। बेहद गरीब परिवार से संबंध रखने वाली कुमारी रानी के संघर्ष की कहानी प्रेरणादायी है। कठोर परिश्रम के दम पर उन्होंने यह मुकाम हासिल किया है। कुमारी रानी प्रदेश पुलिस विभाग में कांस्टेबल के पद पर तैनात हैं। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा जदोल (सिरमौर) से पूरी की।

कुमारी रानी का बचपन से ही खेलों के प्रति विशेष लगाव रहा है। वह अपने बचपन में भी पढ़ाई के बाद खेलने के लिए समय निकालती थी। कुमारी रानी ने स्कूली शिक्षा के दौरान विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताओं में स्कू ल का प्रतिनिधित्व किया। सोलन कालेज में भी रानी विभिन्न प्रकार के खेलों में भाग लिया करती थीं। इस दौरान उन्होंने पांच बार राष्ट्रीय खेलों में सोलन कालेज की तरफ से भाग लिया। वह कबड्डी, कुश्ती व वालीबाल में विशेष रूप से रुचि रखती हैं। इसके बाद कुमारी रानी ने एलआर संस्थान से बीएड भी किया।

करीब एक वर्ष पूर्व रानी ने पुलिस भर्ती में भाग लिया व उनका चयन प्रदेश पुलिस सेवा के लिए किया गया। नौ महीने के प्रशिक्षण के बाद वह शिमला के जुन्गा में बतौर एचबीएफ फर्स्ट बटालियन में शामिल हुई और वर्तमान में भी वह अपनी सेवाएं प्रदान कर रही हैं। कुमारी रानी ने कहा कि उनका बचपन गरीबी में बीता। उनके तीन और भाई-बहन भी हैं। माता-पिता खेतीबाड़ी करते हैं। छोटे भाई-बहनों की जिम्मेदारी भी कुमारी रानी पर ही है। सोलन शहर के वन रूम सेट में पूरा परिवार रहता है। रानी का एक भाई अभी स्कूल में है तो दूसरा सोलन के आईटीआई से प्रशिक्षण ले रहा है। कुमारी रानी प्रदेश की महिलाओं के लिए प्रेरणा स्रोत हैं। रानी ने बताया कि उन्होंने अपने जीवन में बहुत से उतार-चढ़ाव देखे हैं। वह ऐसे गरीब परिवार से संबंध रखती हैं जहां पर दो समय की रोटी के लिए भी कड़ी मशक्कत करनी पड़ती थी। पिता मजदूरी करके चार बेटे-बेटियों का पालन-पोषण करते थे, लेकिन कुमारी रानी के इरादे इतने बलुंद थे कि गरीबी भी उनका रास्ता नहीं रोक पाई। उन्होंने बताया कि उनका सपना ओलंपिक में भारत का प्रतिनिधित्व करना व देश के लिए गोल्ड जीतना है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि वह चाहती हैं कि प्रदेश में सभी लोग अपनी बेटियों को आगे बढ़ने का मौका दें। वह सोलन में एक खेल अकादमी खोलना चाहती हैं, जहां पर प्रतिभाओं को मुफ्त में तराशा जा सके। कुमारी रानी के पिता मीन बहादुर व माता सुमित्रा का कहना है कि उन्हें अपनी बेटी पर गर्व है।

— तोमर सिंह, सोलन

मुलाकात

पुलिस की वर्दी में एक रक्षक की भूमिका निभाती है महिला…

राष्ट्रीय स्तर पर मिला पदक आपकी प्रतिभा को कहां ले जाता है?

राष्ट्रीय स्तर पर मिले पदक ने मेरी प्रतिभा को पहचान दी है। कांस्य पदक को  जीतने के बाद आत्मविश्वास काफी अधिक बढ़ा है।

कांस्य और गोल्ड में अंतर क्यों रहा?

यदि अभ्यास करने का समय मिलता तो गोल्ड पदक भी जीत सकती थी।

अब अगला लक्ष्य और उम्मीद।

अगला लक्ष्य ओलंपिक में देश के लिए गोल्ड मेडल जीतना है। उम्मीद है कि इंडिया कैं प में चयन होगा।

पुलिस में खेलें या खेलों में पुलिस का सामर्थ्य?

महिलाओं में प्रतिभा कूट-कूट कर भरी हुई है। यदि महिलाआें को अवसर मिले तो वे अपना सर्वश्रेष्ठ प्रर्दशन दे सकती हैं।

संघर्ष से बाहर रानी की ताकत।

मेरी ताकत मेरा परिवार है। अपने परिवार का साथ है तो दुनिया जीती जा सकती है।

अब तक के सफर की सबसे कठिन परीक्षा और सफल क्षण?

जब पहली बार दंगल में भाग लेनी गई थी, तो जीवन का सबसे कठिन समय था। ऑल इंडिया पुलिस प्रतियोगिता में कांस्य पदक जीतना सबसे सफल क्षण था।

फिलहाल किस खेल पर केंद्रित हैं और किस प्रशिक्षक के सान्निध्य में आगे बढ़ रही हैं?

फिलहाल रेस्लिंग में ही अपना ध्यान केंद्रित करना चाहती हूं। अपने कोच विजय ठाकुर के मार्गदर्शन में आगे बढ़ना चाहती हूं।

हिमाचल पुलिस में खिलाडि़यों को और क्या चाहिए?

हिमाचल पुलिस में सभी खिलाडि़यों को समय-समय पर अभ्यास करने का अवसर मिलना चाहिए। सभी खेलों के कैंप लगाए जाने जरूरी हैं।

प्रदेश में कुछ अलग से करने का अवसर मिले तो क्या कराना चाहेंगी?

कुछ और करने का अवसर मिला तो गरीब बच्चों की सहायता करना चाहती हूं। सोलन में खेल अकादमी भी खोलने का इरादा है, जहां पर खिलाडि़यों क ो मुफ्त में प्रशिक्षण दिया जाएगा।

हिमाचल के किन खिलाडि़यों को प्रतिभा का लोहा मानती हैं?

हिमाचल के ग्रेट खली जैसे खिलाडि़यों ने दुनिया भर में हिमाचल का नाम रोशन किया है।

हिमाचल में खेल सुविधाओं पर आपकी राय?

हिमाचल में खिलाडि़यों को और अधिक सुविधा देने की आवश्यकता है। प्रत्येक जिला में खेल अकादमी खुलनी चाहिए ताकि अधिक से अधिक खिलाडि़यों को आगे बढ़ने का अवसर मिल सके।

खेलों के अलावा रानी के लिए अलग दुनिया क्या है?

खेलों के अलावा मेरे लिए मेरा परिवार ही मेरी दुनिया है। अब अपने भाईयों को भी खेल के प्रति जागरूक कर रही हूं।

पुलिस वर्दी के भीतर औरत कितनी भिन्न हो जाती है?

पुलिस की वर्दी को पहन कर काफी गौरव होता है। वर्दी में वह एक रक्षक की भूमिका में होती है। आम महिला की अपेक्षा वह समाज की रक्षक बन कर अपनी ड्यूटी करती है।