हे इंद्रदेव ! अब तो बरस जाओ

पांवटा साहिब – उपमंडल पांवटा साहिब के गिरिपार के पहाड़ी इलाकों में पिछले तीन माह से अधिक समय से बारिश न होने से किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं। अब क्षेत्र के किसान रोज आसमान पर टकटकी लगाकर इंद्रदेव से बारिश की प्रार्थना कर रहे हैं, ताकि वे दो वक्त के अनाज की बुआई कर सकें। जानकारी के मुताबिक गिरिपार के शिलाई क्षेत्र में पिछले तीन माह से भी अधिक समय से बारिश नहीं हुई है जिस कारण गेहूं की फसल की बिजाई रूक गई है। इंद्रदेव के रूष्ट होने से इलाके के लोग दिक्कतों में हैं। किसानों के मुताबिक अब गेहूं समेत रबी की फसलों पर संकट आ गया है और किसानों के भूखे मरने की नौबत आने लगी है। प्राप्त जानकारी के मुताबिक गिरिपार के कफोटा कस्बे के साथ लगती एक दर्जन पंचायतों दुगाना, बोकाला पाब, शिल्ला, कमरऊ, बड़वास, टटियाणा, ठोंठा जाखल, कोटापाब, शावगा, जामना, शरली मानपुर, कांडो च्योग आदि समेत जैलभोज की कांटीमश्वा, कोड़गा, सखोली, कठवाड़, चांदनी और सतौन आदि पंचायतों के सैकड़ों गांव समेत शिलाई क्षेत्र की दर्जनों पंचायतें पिछले लगभग तीन माह से बिन बारिश के सूखे की स्थिति से जूझ रही हैं। उक्त पंचायतों में मक्की की कटाई के बाद बारिश न होने के कारण गेहूं व अन्य फसलों की बिजाई रुक गई है। क्षेत्र की 90 से 95 फीसद पंचायतों में खेती आसमानी बारिश पर निर्भर है। ऐसे में क्षेत्र में गेहूं की बिजाई न होने के कारण अधिकतर खेत खाली पड़े हुए हैं। जानकार किसान हृदय राम पुंडीर, इंद्र सिंह, जगत सिंह, गुलाब सिंह, बलबीर सिंह, रघुवीर सिंह, मायाराम, कुंदन सिंह आदि का कहना है कि अब क्षेत्र का तापमान वैसे ही गिरने लगा है तथा ऐसे मौसम में यदि गेहूं की बिजाई लेट होती है तो फसल पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है। किसानों ने गेहूं का बीज भी खरीद लिया है, लेकिन बारिश न होने के कारण उसकी बुआई नहीं कर पा रहे हैं। किसान रोज आसमान पर बारिश के लिए टकटकी लगाए हुए हैं, लेकिन बारिश है कि आने का नाम नहीं ले रही है। किसानों का कहना है कि पहले बेमौसमी बारिश के कारण मक्की, टमाटर और अदरक आदि की फसल प्रभावित हुई और अब रबी की फसल भी बिना बारिश के चौपट हो गई है। बहरहाल लंबे समय से बारिश न होने के चलते गिरिपार क्षेत्र के किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें उभर आई हैं।