होटलों की गंदगी सीधे गिरि नदी में

ठियोग — ठियोग तहसील के छैला में होटल व ढाबों से निकलने वाली गंदगी सीधे गिरी नदी में मिल रही है, जिससे कि गिरी नदी का पानी दूषित होने के कारण सैकड़ों लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ हो रहा है। यहां पर एक बडे़ होटल के शौचालयों से जितना मल निकल रहा है, उसकी निकासी के लिए होटल मालिक ने एक पाइप नदी की ओर निकाल रखा है, जिससे की सारे होटल का मल व गंदगी नदी में जाकर मिल रही है, जबकि इसके अलावा यहां पर साथ लगते मकानों में रहने वाले किराएदारों को भी बीमारी का डर सताने लगा है और यह लोग अपनी खिड़कियां तक नहीं खोल पा रहे,  अभी पिछले दिनों घूंड पंचायत की ओर से भी होटल मालिक को चेतवानी देकर कार्रवाई करने से छोड़ दिया  था, लेकिन बावजूद इसके होटल मालिक द्वारा कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई जा रही है। गिरी नदी में मिलने वाली गंदगी को लेकर पर्यावरण एवं प्रदूषण नियंत्रण द्वारा कई बार छैला में होटल व ढाबे मालिकों पर कार्रवाई करते हुए कई बार नोटिस भी दिए जा चुके है, लेकिन इसका कोई असर इन पर नहीं हो रहा है और लगातार इस कस्बे में जिस तरह की गंदगी होटल व ढाबे वालों द्वारा फैलाई जा रही है इस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं दिख रहा। सबसे बड़ी बात यह है कि यहां पर इसके अलावा और भी कई छोटे-छोटे ढाबे वाले शामिल है, जिनके न तो अपने शौचालय है और न ही सफाई व्यवस्था का कोई प्रबंध, जिससे की ये लोग नदी को दूषित कर रहे है। गिरी नदी का पानी ठियोग के अलावा शिमला शहर के लिए भी सप्लाई होता है और हजारों लोग इस नदी के पानी से अपनी प्यास बुझाते है, जबकि इसके अलावा इस नदी से विभिन्न छोटे-छोटे गांवों के लिए दर्जनों उठाऊ पेयजल योजनांए काम कर रही है, लेकिन नदी के पानी को दूषित करने के लिए इन बड़े-बड़े होटल मालिकों पर न तो स्थानीय पंचायत की ओर से कोई बड़ी कार्रवाई नजर आती है और न ही विभाग के द्वारा कोई कार्रवाई हो रही है।

अभी तक नहीं बनाए टैंक

उधर जब इस बारे में खंड विकास अधिकारी ठियोग राम लाल चौहान से बात की गई तो उन्होंने बताया कि होटल के साथ शौचालय बनाए गए थे, उसका स्टोरेज टेंक सीएडसी कंपनी द्वारा निकली गई सड़क के कारण तोड़ा गया है, जिससे कि ये सारी समस्या पैदा हुई है। उन्होंने बताया कि इस बारे में कंपनी को दोबारा से टेंक बनाने को कहा गया है, लेकिन अभी तक उन्होंने टेंक बनवा कर नहीं दिया है।