13 छात्रों के दो सेमेस्टर की परीक्षा रद्द

तकनीकी शिक्षा विभाग ने नकल करते पकड़े जाने पर इंजीनियरिंग स्टूडेंट्स को सिखाया सबक

हमीरपुर – तकनीकी शिक्षा विभाग ने नकल के गंभीर आरोप साबित होने पर 13 इंजीनियरिंग छात्रों के दो सेमेस्टर की संपूर्ण परीक्षा रद्द कर दी है। इनमें अधिकतर छात्र रंगे हाथों पकड़े जाने पर परीक्षा केंद्र से फरार हो गए थे। इसके अलावा आठ इंजीनियरिंग छात्रों का संबंधित सेमेस्टर की पूरी परीक्षा कैंसिल कर दी है। नकल करते रंगे हाथों दबोचे गए अन्य 55 इंजीनियरिंग छात्रों का संबंधित पेपर रद्द किया है। वाइस चांसलर को सौंपी गई रिपोर्ट में 13 छात्रों के विरुद्ध नकल के गंभीर आरोपों की पुष्टि होने पर उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की है। इस फेहरिस्त में शामिल परीक्षार्थियों को दो सेमेस्टर की परीक्षा के लिए एक साल बर्बाद हो गया है। इन परीक्षार्थियों से एग्जामिनेशन सेंटर पहुंचे उड़नदस्तों ने भारी मात्रा में नकल की सामग्री बरामद की थी। इसके अलावा छात्रों ने 20 से 40 पन्ने नकल पर आधारित आंसरशीट में लिखे थे। इसके चलते इन 11 छात्रों के दो सेमेस्टर की संपूर्ण परीक्षा रद्द की है। वीपी पटियाल की रिपोर्ट में आठ छात्रों को नकल करते रंगे हाथों पकड़ा बताया गया है। इन छात्रों से 15 से लेकर 25 पन्नों की सामग्री बरामद हुई है तथा अधिकतर नकल आंसरशीट में उतारी गई है। इस आधार पर इन आठ छात्रों की एक सेमेस्टर की संपूर्ण परीक्षा रद्द की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 55 छात्रों से परीक्षा केंद्र के भीतर नकल सामग्री पकड़ी गई थी, लेकिन इसका आंशिक भाग ही आंसरशीट पर उतारा गया था। इस फेहरिस्त में शामिल परीक्षार्थियों का संबंधित पेपर ही रद्द किया है। यूएमसी कमेटी ने अपनी सिफारिशों में कहा है कि 13 परीक्षार्थियों के विरुद्ध नकल के आरोप साबित नहीं हो पाए हैं। कई मामलों में परीक्षा अधीक्षक ने हस्ताक्षर नहीं किए थे और कुछेक केस में छात्रों के आसपास पकड़ी गई नकल सामग्री आंसरशीट पर हल किए गए पेपर से मेल नहीं खाती थी। इस कारण उन्हें यूएमसी कमेटी ने माफ करने की सिफारिश की है। इस आधार पर प्रदेश तकनीकी विश्वविद्यालय हमीरपुर ने नकल के आरोप में धरे गए 86 परीक्षार्थियों के भविष्य का फैसला सुना दिया है।

86 में से 13 को क्लीन चिट

इस साल आयोजित की गई इंजीनियरिंग परीक्षा में धरे गए कुल 86 परीक्षार्थियों में से 13 को ही क्लीन चिट के बाद छोड़ा गया है। परीक्षा नियंत्रक वीपी पटियाल ने यूएमसी कमेटी की रिपोर्ट तकनीकी विवि को सौंपी है। इसमें यूएमसी के 86 मामलों पर फैसला लिया गया है।