केस सॉल्व करने के लिए गठित एसआईटी तक ही पहुंच पाई सीबीआई,149 दिन से न्याय को तरस रही बिटिया की रूह
ये केस नहीं सुलझा पाई सीबीआई
* शिमला में प्रख्यात वकील छब्बील दास की नवंबर 1995 में मिडिल बाजार स्थित निवास में हत्या मामला
* 2003 में शिमला के मशहूर होटल कारोबारी हर्ष बालजीज की हत्या
* देश की बड़ी चोरियों में शुमार शिमला स्थिति भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान से 21 अप्रैल, 2010 को अष्ठधातु के घंटे की चोरी का मामला
* शिमला में रितु कलमोटिया आत्महत्या मामले की भी सीबीआई ने जांच की थी, लेकिन इसमें सीबीआई आरोप साबित नहीं कर पाई
* सोलन की एक निजी स्कूल की शिक्षका की आत्महत्या के मामले में सीबीआई कुछ नहीं कर पाई, बाद में यह मामला सीआईडी को सौंपा गया, जिसने इसमें चालान तैयार कर लिया है
इनकी अभी भी चल रही जांच
* शिमला दूरदर्शन केंद्र में 2007 से 2012 तक अनियमितताओं का मामला
* टुटू-तारादेवी बाइपास पर नौ जनवरी, 2013 को पुलिस की गोली चलने से युवक की मौत
* बीआरओ के तहत सडक़ निर्माण में 2006 से 2010 तक किए गए करोड़ों के घोटाले का मामला
* शिमला से लापता ऊना की लड़की की दो सालों से तलाश
* शिमला के एक बैंक से नालदेहरा में रिजॉर्ट बनाने के लिए धोखाधड़ी से 1.25 करोड़ का कर्ज लेने की जांच
* मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह से जुड़े एक मामले की जांच अभी भी जारी है
फोरेंसिक विशेषज्ञों की मदद ली होती तो केस पेचीदा न बनता
पूरी जांच पर नजर दौड़ाएं तो शिमला पुलिस के साथ-साथ एसआईटी यदि समय पर फोरेंसिक विशेषज्ञों की सहायता लेती तो मामला इतना पेचीदा न बनता। चार जुलाई की इस घटना के बाद भी फोरेंसिक विशेषज्ञों को कंसल्टेंट न किया जाना बड़ी लापरवाही की तरफ इशारा करता है। यहां तक कि घटना चार जुलाई को हुई और छात्रा की स्कूल ड्रेस 11 जुलाई के बाद फोरेंसिक लैब जुन्गा भेजी गई।