अब और लोन लेगा बिजली बोर्ड
पहले से कर्ज में डूबे हुए…फिर उसी तैयारी में
शिमला – राज्य बिजली बोर्ड पहले से इतने कर्जे में डूबा हुआ है, उस पर अब और लोन लेने की सोची जा रही है। हालांकि उसके पुराने शॉर्ट टर्म लोन लांग टर्म में परिवर्तित हो चुके हैं, जिस कारण उसे अब ज्यादा दिक्कत नहीं होगी, परंतु फिर भी पहले से करोड़ों रुपए का कर्जा होने पर और कर्ज लेने की सोची जा रही है। सूत्रों के अनुसार 28 दिसंबर को बिजली बोर्ड के निदेशक मंडल की बैठक होने जा रही है। यह बैठक अभी प्रस्तावित है और नई सरकार का गठन देखते हुए इसकी तारीख बदल भी सकती है, परंतु बोर्ड प्रबंधन ने फिलहाल बैठक की तैयारियां कर ली हैं। इसके लिए एजेंडा भी तैयार कर लिया गया है, जिसमें कुछ प्रोजेक्टों के लोन के अलावा कुछ पुरानी योजनाओं के लिए लोन लेने की बात हो रही है। निदेशक मंडल की बैठक में इस पर चर्चा होगी और बोर्ड ही तय करेगा कि कितना लोन, कहां से लिया जाए। इसके साथ बिजली बोर्ड अपने रुके हुए कार्यों की भी समीक्षा करेगा। निदेशक मंडल की बैठक लंबे समय के बाद हो रही है, लिहाजा कई योजनाओं की मंजूरी नहीं मिल पाई। बोर्ड के फील्ड कार्यालयों में योजना के तहत टेंडर की प्रक्रिया तो पूरी कर ली गई है, परंतु अभी टेंडर अवार्ड किए जाने हैं। किन कंपनियों या ठेकेदारों को कहां टेंडर दिए जाएंगे, इस पर चर्चा होगी। इसमें निजी कंपनियों के प्रस्ताव छांटे जाएंगे और बेहतर मदद देने वाली कंपनियां चुनी जाएंगी। बोर्ड के कर्मचारियों से जुड़े कुछ मामले भी इस बैठक में लाए जाएंगे, जिन पर पहले सैद्धांतिक रूप से मंजूरियां मिल चुकी हैं, परंतु अधिसूचनाएं जारी नहीं हो पाई हैं। ऐसे मामलों पर निदेशक मंडल अपनी राय देगा और कर्मचारियों को राहत के फैसले लिए जाएंगे।
ऊहल प्रोजेक्ट पर हो रहा काम
बोर्ड के कुछ बिजली प्रोजेक्ट लटके हुए हैं और ऊहल नामक परियोजना पर काम चल रहा है। बैठक में उनकी भी समीक्षा की जाएगी। इसमें देखा जाएगा कि ऊहल परियोजना कब तक चालू की जा सकती है, जिसकी अद्यतन स्थिति के बारे में पूछा गया है। मार्च तक यह परियोजना चलाई जानी है, जिसमें काम कहां तक पहुंचा, यह देखा जाएगा। बैठक की अध्यक्षता अतिरिक्त मुख्य सचिव ऊर्जा करेंगे।
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