आशा-सरवीण ने फिर दिखाया दम

By: Dec 20th, 2017 12:15 am

कमलेश कुमारी-रीता धीमान ने भी जीती जंग, सदन में दिखेंगी चार नेत्रियां

शिमला – हिमाचल के मतदाता महिला नेत्रियों की सियासत पर ज्यादा विश्वास नहीं करते। यही वजह है कि यहां महिला नेत्रियां इस दफा भी कोई ज्यादा जलवा नहीं दिखा सकीं। हालांकि भाजपा ने महिलाओं को टिकट देने में कोई कसर नहीं छोड़ी लेकिन दोनों दलों से मिले कुल 19 टिकटों में से चार महिलाएं ही विधानसभा तक पहुंच पाई हैं। इसमें भी आशा कुमारी और सरवीण चौधरी का दम देखने वाला है, जो सालों से अपने क्षेत्र की राजनीति कर रही हैं और धुरंधर नेत्रियों के रूप में उभरी हैं। इस दफा भी ये नेत्रियां विधानसभा पहुंची हैं, जबकि विकट सियासी परिस्थितियां इस बार उनके सामने थीं। सरवीण चौधरी शाहपुर लगातार जीतती आ रही हैं, जिनके सामने दूसरे धुरंधर बौने साबित हो रहे हैं, वहीं कांग्रेस की आशा कुमारी ने भी क्षेत्र में अपनी अच्छी पैठ बनाकर रखी है। वह भी लगातार जीतती आ रही हैं। इस दफा विधानसभा में उनके साथ दो और महिलाएं होंगी। कांग्रेस की तरफ से इस दफा सदन में केवल एक ही महिला होगी, जबकि भाजपा की ओर से तीन महिलाएं सदन में बैठेंगी। सरवीण चौधरी के साथ रीता धीमान और कमलेश कुमारी भी जीतकर आई हैं। पिछली दफा सदन में तीन महिलाएं थीं, जिनमें विद्या स्टोक्स प्रमुख थीं। विद्या स्टोक्स काफी बुजुर्ग नेत्री हैं, जो इस दफा चुनावी सियासत में आगे नहीं आ सकीं। टिकट मिलने के बाद भी उनका नामांकन नहीं हो सका, जिस कारण अब वह सक्रिय राजनीति से ही दूर हो गई हैं। नई विधानसभा में महिलाओं के दो नए चेहरे पदार्पण कर रहे हैं, जिनकी परफार्मेंस को देखना होगा। उनके सामने परफॉर्म करने की बड़ी चुनौती है, जिसके बाद ही वह लंबी सियासी पारी खेल सकती हैं। ये महिलाएं अपनी सियासत को कितनी दूर तक ले जाएंगी, यह समय बताएगा। इस दफा कांग्रेस की ओर से विप्लव ठाकुर भी एक बड़ा महिला चेहरा था, परंतु उनको हार का सामना करना पड़ा है। उनकी हार से कांग्रेस को भी बड़ा झटका लगा है। कांगड़ा जिला में विप्लव का बड़ा नाम है, लेकिन फिलहाल उनकी सियासी पारी यहीं ठहर गई है।


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