उम्मीद जगती मीराबाई चानू

मीराबाई रियो ओलंपिक में कुछ खास नहीं कर पाई थीं क्योंकि वह बहुत घबराई हुई थीं।  हालांकि उनका कहना है कि वह अनाहाइम के कंवेंशन सेंटर में भी घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने तीन क्लीन और एक जर्कलिफ्ट के साथ कुल 194 किलोग्राम भार उठाते हुए सुकचारोएन को स्वर्ण पदक नहीं जीतने दिया…

ओलंपिक खेलों के बाद एक बार फिर से यदि भारत अंतरराष्ट्रीय बिरादरी में सम्मानित हो रहा है, तो वह मीराबाई की कड़ी मेहनत और बुलंद हौसलों की बदौलत। विश्व चैंपियनशिप में काफी कठिन, काफी मजबूत खिलाडियों का पूल होता है। इस लिहाज से मीराबाई की जीत के मायने और भी बढ़ जाते हैं। मीराबाई ने भारत को 22 साल बाद गोल्ड दिलाया और इस तरह भारत को 22 साल बाद वेटलिफ्टिंग वर्ल्ड चैंपियनशिप में गोल्ड मेडल मिला है। बुधवार को महिलाओं के 48 किलोग्राम वर्ग में थाईलैंड की थुनया सुकचारोएन को हराकर मीराबाई ने यह  कामयाबी दिलाई। अमरीका के अनाहाइम शहर में हुई वर्ल्ड चैंपियनशिप में पुरुषों के 56 किलोग्राम वर्ग में वियतनाम ने स्वर्ण और रजत पदक पाए, जबकि 62 किलोग्राम वर्ग में कोलंबिया के फ्रांसिस्को मॉक्यूएरा वालेंशिया 2003 के बाद से पहले गैर एशियाई विजेता बने। मीराबाई ने इस सफलता पर खुशी जताते हुए कहा कि वह रियो ओलंपिक की तरह ही अनाहाइम में भी थोड़ी घबराई हुई थीं। इसके बावजूद एकाग्रता बनाए रखते हुए क्लीन और जर्क लिफ्ट के साथ स्वर्ण पदक जीतने में सफल रहीं। हालांकि उनका कहना है कि वह अनाहाइम के कन्वेंशन सेंटर में भी घबराई हुई थीं, लेकिन उन्होंने तीन क्लीन और एक जर्कलिफ्ट के साथ कुल 194 किलोग्राम भार उठाते हुए सुकचारोएन को स्वर्ण पदक नहीं जीतने दिया, जबकि उन्हें पदक का पक्का दावेदार माना जा रहा था। केंद्रीय मंत्री और खुद ओलंपिक विजेता रहे राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने मीराबाई को बधाई दी है। मीराबाई भारत में ट्विटर पर ट्रेंड कर रही हैं और बहुत से लोग उनके बारे में लिख रहे हैं।  इससे पहले इस चैंपियनशिप में भारत की ओर से ओलंपिक पदक विजेता कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में स्वर्णिम सफलता हासिल की थी। चानू 2015 विश्व चैंपियनशिप में नौवें स्थान और 2014 में 11वें स्थान पर रही थीं। सितंबर में चानू ने आस्ट्रेलिया में राष्ट्रमंडल सीनियर भारोत्तोलन चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतकर अगले साल के राष्ट्रमंडल खेलों में स्थान पक्का किया था। उन्होंने 85 किग्रा का वजन उठाकर स्नैच में राष्ट्रमंडल रिकार्ड तोड़ा था और अपने रिकार्ड को एक किग्रा बेहतर किया था। पोडियम पर खड़े होने के बाद तिरंगा देखकर जब उसकी आंखों से आंसू निकल आए, तो दुनिया उनको सम्मान भरी निगाहों से देख रही थी।