एग्जिट पोल के बाद ‘मीटिंग-मीटिंग’ खेल

धर्मशाला  – विधानसभा चुनावों के परिणाम आने को मात्र दो ही दिन शेष हैं, लेकिन एग्जिट पोल आने के बाद बोर्ड निगमों एवं बैंकों में बीओडी से लेकर अन्य महत्त्वपूर्ण बैठकों का दौर गोपनीय ढंग से शुरू हो गया है। एग्जिट पोल के बाद अचानक बुलाई जा रही इन बैठकों में भले ही हाजिरी पूरी हो या नहीं, लेकिन इन मीटिंग को लेकर माहौल गरमा गया है। दो-तीन दिन पहले अचानक बुलाई जाने वाली बैठकों पर सवाल उठ  रहे हैं कि ऐसी क्या एमर्जेंसी आ गई कि दो-चार दिनों का भी इंतजार नहीं हो पाया। । हालांकि विशेष परिस्थितयों या जन हितों के मामलों में संबंधित संस्थान के अध्यक्ष के पास आपातकालीन शक्तियां होती हैं, जिनका वह प्रयोग कर सकते हैं और मामले को हल करने के बाद भी बीओडी में लाया जा सकता है। प्रदेश स्कूल शिक्षा बोर्ड, कांगड़ा बैंक तथा कुछ संस्थानों में अचानक बीओडी व अन्य महत्त्वपूर्ण बैठकों का दौर शुरू हो गया है। हालांकि विधानसभा चुनावों के नतीजे आने और आदर्श आचार संहिता समाप्त होने में अभी मात्र गिने-चुने दिन ही शेष हैं। पहले ही आरोपों से घिरे इन संस्थानों की कार्यप्रणाली पर सवाल उठते रहे हैं। ऐसे में अब गुपचुप ढंग से हो रही बैठकें चर्चा का विषय बन गई हैं। विधानसभा चुनावों का एग्जिट पोल आने के साथ ही शुरू हुए इस सिलसिले और मात्र दो दिन के फासले के बीच हो रही बैठकें ही चर्चा का विषय बन गई हैं। हालांकि इसमें शामिल सदस्य भाग लेने से बच रहे हैं। शिक्षा बोर्ड में शुक्रवार को निर्धारित बैठक समय पर नहीं हो पाई, जिसे अब बीओडी से पहले करने की योजना है। बोर्ड परीक्षाएं या छात्र हित से जुड़ा कोई एमर्जेंसी मामला भी अभी तक सामने नहीं आया है। इससे ऐसी आवश्यकता दिख रही हो, लेकिन फिर भी अचानक होने वाली बैठकों के बाद माहौल गर्मा गया है। उधर, सारे घटनाक्रम के बीच अधिकारी फोन उठाने से भी गुरेज कर रहे हैं।