कबाड़ में पड़ी बस बनाई आशियाना

जिनके पास खुद का घर होता है उन्हें उसकी अहमियत नहीं समझ आती है। घर की महत्त्वता उस इनसान से पूछो जिसके पास रहने के लिए चार दीवारी भी नहीं है। तपती हुई गर्मी हो या बरसात का मौसम हो या फिर कड़ाके की ठंड जिस इनसान के पास रहने के लिए घर नहीं है, वो आपको हमेशा ही कहीं प्लेटफॉर्म, हाई-वे या पुल, या सड़कों के किनारे जैसी जगहों पर सोते मिलेंगे। खासतौर पर हमारे देश में तो हर दूसरे कदम पर ऐसे लोग आपको मिल ही जाएंगे। इस दुनिया में ऐसे बड़े दिल के लोग भी होते हैं जो ऐसे गरीब लोग को सहारा दे देते हैं, और उनकी मदद करते हैं। आज हम आपको दो महिलाओं की कहानी बता रहे हैं जिन्होंने ऐसे ही बेसहारा लोगों को सहारा दिया है। इन दोनों महिलाओ ने गरीबों को घर बनाकर नहीं दिया, बल्कि उन्होंने भंगार में पड़ी बस से गरीब लोगों को आशियाना बनाकर दे दिया। इन दोनों महिलाओ ने अटाले में पड़ी बेकार बस को ही एक आलिशान बंगले का रूप दे दिया। दोनों ने बहुत से बेसहारा लोगो को घर देकर उनके चेहरे पर मुस्कान ला दी। दोनों महिलाएं ‘दि कर सैक’ नाम की एक चैरिटी की मालिक है। सैमी और जोएन यूके की रहने वाली है और गरीबों के हित के लिए काम करती है। दोनों ने मिलकर भंगार में पड़ी डबल देकर बस को एक खूबसूरत घर का रूप दे दिया। बस के अंदर इन्होंने वो सभी चीजें रखी जो किसी घर में होती है। सैमी और जोएन ने बस के अंदर 12 बेड भी लगाए हैं, इन्होंने अपने वालंटियर की मदद से इस भंगार बस को एक खूबसूरत घर में तबदील किया है। ये स्टेजकोच बस, यूके के सैंट अगाथा चर्च के सामने पार्किंग में खड़ी रहती है। आप भी इस बस के अंदर देखकर पहचान नहीं पाएंगे कि क्या सच में ये वो ही भंगार बस थी। आम जनमानस और गरीबों के लिए तो ऐसा खास आशियाना सच में एक सपना जैसा ही है।