कसोल में 27 होटल अवैध
कारोबारियों ने सरकारी जमीन पर खड़ी कर रखी हैं इमारतें, प्रशासन ने थमाया नोटिस
कुल्लू — बिजली-पानी के कनेक्शन काटने के बाद हाई कोर्ट के निर्देशों के बाद हुई निशानदेही में भी होटल अवैध पाए जा रहे हैं। जिला प्रशासन कुल्लू की ओर से जब कसोल के विभिन्न होटलों की निशानदेही की तो इसमें से 27 होटल पूरी तरह से सरकारी भूमि पर पाए गए हैं, जिन्हें खाली करने के लिए प्रशासन ने नोटिस भी जारी कर दिए हैं। एसडीएम कुल्लू सन्नी शर्मा ने बताया कि कसोल में 27 होटलों की जब डी-मार्केशन की गई तो ये सभी होटल सरकारी जमीन पर पाए गए। प्रशासन ने सभी होटल संचालकों को 15 दिन के अंदर होटलों को खाली करने के निर्देश जारी कर दिए हैं। इसके साथ ही प्रशासन अपनी इस रिपोर्ट को अब हाई कोर्ट को भी भेज रहा है। कसोल में जिस तरह से 27 होटल सरकारी जमीन पर ही पाए गए हैं, उससे अन्य कई होटल संचालकों में भी हड़कंप मचा है। बता दें कि कसोल ही नहीं मनाली में भी कई लोगों ने सरकारी ही भूमि पर बड़े-बड़े होटल खड़े कर दिए हैं। मनाली के रांगड़ी में भी बने अधिकतर होटल सरकारी भूमि पर पाए गए हैं, जिन्हें प्रशासन ने तोड़ने के निर्देश जारी कर दिए हैं। कई लोगों ने बड़ी होशियारी से फोरलेन की जद में आ रहे होटलों के आगे-आगे के हिस्से को तो तोड़ दिया है, लेकिन अभी भी वह सरकारी भूमि छोड़ने के लिए तैयार नहीं हैं। गौर रहे कि नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के आदेशों पर मनाली में जांच के लिए 400 और होटलों को चिन्हित किया गया है। इन होटलों की सूची तैयार हो गई है। इन होटलों में अब जांच के लिए गठित टीमें दबिश देकर दस्तावेज जांचेगी। जांच के दौरान जिन-जिन होटलों के दस्तावेजों में गड़बडि़यां पाई जाएंगी, उनका बिजली-पानी तुरंत काट दिया जाएगा।
आनी में अवैध कब्जे हटाए
आनी— वन विभाग ने अवैध कब्जों पर कार्रवाई करते हुए 16 बीघा जमीन से अतिक्रमण हटाया । लोगों ने वन भूमि पर सेब के बागीचे उगा रखे थे। जानकारी के अनुसार लझेरी और खनाग पंचायतों में विभाग ने 110 सेब के छोटे-बड़े पौधों को काट डाला। खाली जमीन को विभाग ने अपने कब्जे में ले लिया है। आनी वनमंडल के डीएफओ बीके अग्रवाल ने बताया कि हाई कोर्ट के आदेश पर ही कार्रवाई की जा रही है।
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