किताबें 55 हजार; पाठक बेशुमार, पर जगह की दरकार

By: Dec 1st, 2017 12:15 am

मंडी पुस्तकालय के पास नहीं अपनी बिल्डिंग; ई-लाइबे्ररी की सुविधा, एनसीईआरटी की छठी से 12वीं तक की किताबें उपलब्ध

मंडी – मंडी की जिला लाइबे्ररी के अंदर आपको पढ़ने के लिए जगह मिल जाए तो, समझो कि आज आपकी किस्मत मेहरबान है। इस समय लाइबे्ररी में 55 हजार किताबें हैं और पाठक भी बेशुमार हैं, परंतु यहां पर जगह की बहुत कमी है। सुबह-सुबह लाइब्रेरी में जगह पाने के लिए लंबी लाइन लग जाती है। मंडी का इतिहास संजोए और प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए युवाओं का ठिकाना मंडी लाइब्रेरी आज भी अपनी बिल्डिंग की बाट जोह रही है। फिलहाल उपायुक्त कार्यालय के जिस भवन में जिला पुस्तकालय चल रहा है और यहां एक समय में करीब 135 लोग एक साथ बैठकर पढ़ाई कर सकते हैं। ऐसे में अंदाजा लगाया जा सकता है कि अघोषित सांस्कृतिक राजधानी के इतिहास का भार उठाए इस जिला पुस्तकालय में किताबें तो खूब मिलेंगी, पर बैठने के लिए जगह नहीं। पुस्तकालय का उद्घाटन 1958 में हुआ था। जिला पुस्तकाल में इस समय करीब 55 हजार किताबें हैं। हैरानी की बात यह है कि इस समय जिला पुस्तकालय मंडी में एक साल से लाइब्रेरियन का पद खाली है और असिस्टेंट लाइब्रेरियन हितकामिनी गुप्ता ही काम देख रही हैं। हितकामिनी गुप्ता का कहना है कि यहां पर पाठक की संख्या भी अधिक रहती है। पुस्तकालय में सिर्फ जगह की कमी है। यहां हर दिन 30-40 किताबें इश्यू होती हैं। जगह की कमी के बीच जिला पुस्तकालय का आलम ऐसा है कि पुराने बुजुर्ग पाठकों को तो यहां जगह ही नहीं मिल पाती, क्योंकि प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवा यहां पहले ही जगह बना लेते हैं। फिलहाल जिला पुस्तकाल में मात्र एक किताब ऐसी है, जो आज तक वापस नहीं है, बाकी पाठक देर से ही सही, पर किताब लौटा जाते हैं। वहीं जिला पुस्तकाल में ई-लाइब्रेरी की भी सुविधा है। यहां तीन कम्प्यूटर की व्यवस्था की गई है, जिसमें ऑनलाइन किताबों का डाटा सेंटर तैयार किया गया है। इसके साथ ही एनसीईआरटी का छठी से 12वीं कक्षा तक का सिलेबस भी दिया गया है।

हर मंगलवार बंद रहती है लाइब्रेरी

मंडी लाइबे्ररी हर मंगलवार और लास्ट शनिवार को बंद रहती है। लाइबे्ररी बंद होने के बावजूद एक रीडिंग रूम हमेशा खुला रहता है। वहीं यहां किताबों को भी तीन अलग-अलग सेक्शन में बांटा गया है। इसमें चिल्ड्रन सेक्शन, सर्कुलेशन सेक्शन और रेफ्रेंस बुक सेक्शन हैं। पुस्तकालय में करीब 15 से 20 ऐसी किताबें है, जो कि दुर्लभ हैं। बाहर ये किताबें ढूंढने से भी नहीं मिलेंगी, इन्हें सिर्फ लाइब्रेरी के अंदर ही पढ़ने दिया जाता है। इनमें गजट ऑफ मंडी स्टेट-1920, मंडी राज्य की कहानियां, रविंद्रनाथ टैगोर की पेंटिंग्स, टैंपल ऑफ हिमाचल प्रदेश, टैंपल ऑफ मंडी व आर्ट एंड आर्किटेक्चर ऑफ हिमाचल प्रदेश प्रमुख हैं।


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