क्रिकेट की पिच पर तनुजा कंवर

By: Dec 3rd, 2017 12:08 am

पहाड़ी राज्य हिमाचल प्रदेश की ऑलराउंडर तनुजा कंवर अब टीम इंडिया-ए की रीढ़ बनेंगी। तनुजा कंवर का चयन इंडिया-ए टीम के लिए कर लिया गया है। अब तनुजा एक आलराउंडर के रूप में अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा दिखाएंगी। तनुजा ने बचपन से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था, उन्होंने अपने भाइयों के साथ क्रिकेट की एबीसीडी सीखी। अखिल भारतीय महिला चयन समिति ने बांग्लादेश-ए के खिलाफ आगामी घरेलू शृंखला के लिए भारत-ए टीम घोषित की है, जिसमें हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन की तनुजा कंवर का चयन किया गया है। सीरीज में तीन एकदिवसीय और तीन टी-20 मुकाबले होंगे। तनुजा कंवर का चयन टी-20 मुकाबलों के लिए हुआ है। इंडिया-ए टीम में टी-20 मुकाबलों में चयनित तनुजा कंवर प्रदेश की राजधानी शिमला के रोहडू की रहने वाली हैं। तनुजा कंवर बांए हाथ की बल्लेबाज व स्पिनर गेदबाज हैं। तनुजा के परिवार में पिता प्रताप चंद कंवर, माता आशा देवी, दादी माहती देवी, बहन शालू कंवर और भाई नितिन कंवर हैं। तनुजा ने बचपन से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। अपने क्षेत्र में लड़कियों के क्रिकेट न खेलने पर तनुजा ने अपने भाइयों और गांव के लड़कों के साथ क्रिकेट खेला। वर्ष 2012 में तनुजा ने क्रिकेट को अपना जीवन मानते हुए हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन में स्टेट एकेडमी के लिए ट्रायल दिया। इसके बाद उन्होंने क्रिकेट की बारिकियों को गौर से सीखते हुए कई प्रतियोगिताओं में अपना दमखम दिखाया। वर्ष 2012 में ही अंडर-19 राज्य स्तरीय प्रतियोगिता, सीनियर नेशनल-2013 में खेलते हुए डेब्यू मैच में हरियाणा के चार विकेट झटक कर अपनी प्रतिभा से सबको आश्चर्यचकित कर दिया। इसके साथ ही वर्ष 2013 में ही पंजाब के खिलाफ खेलते हुए शानदार हॉफ सेंचुरी 50 रनों की पारी खेली। इसके बाद तनुजा कंवर ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और लगातार मैचों में बेहतरीन प्रदर्शन का सिलसिला जारी रहा। बंगलूर में आयोजित एनसीसी कैंप और जयपुर के कैंप में भी क्रिकेट की बारीकियां सीख चुकी हैं। तनुजा सिक्सर किंग युवराज सिंह को अपना आदर्श खिलाड़ी मानती हैं। अब बंग्लादेश-ए के खिलाफ होने वाले मैचों में भारतीय-ए टीम की रीढ़ की भूमिका निभाते हुए नजर आएंगी। प्रदेश क्रिकेट इतिहास में इससे पहले सुषमा वर्मा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर अपने हुनर का प्रदर्शन कर रही हैं।

मुलाकात

मेरी मेहनत में ही मेरा भाग्य छिपा है…

खेलों के प्रति आपका नजरिया क्या है?

खेल मेरे जीवन का अभिन्न अंग हैं, बचपन से ही क्रिकेट खेलना शुरू कर दिया था। अब खेल के बिना जिंदगी अधूरी सी लगती है।

पहली बार क्रिकेट कब खेला और यही खेल क्यों चुना?

पहली बार मैंने सात साल की उम्र में अपने भाइयों के साथ क्रिकेट खेलना शुरू किया था। अपने भाइयों को क्रिकेट खेलते हुए देखती थी, तो वहीं से खेलने की प्रेरणा मिली।

खुद को खेल में हरफनमौला साबित करने के लिए किस तरह तैयार करती हैं। यानी प्रैक्टिस में आपका रोजाना शेड्यूल क्या है?

आज खेल का दूसरा नाम फिटनेस हो गया है, प्रतियोगिता इतनी बढ़ गई है कि हल्की सी लापरवाही भी आपके भविष्य को खराब कर सकती है। खेल में निरंतरता बनाए रखने के लिए सुबह और शाम के सत्र में विशेष प्रैक्टिस आयोजित की जाती है। इसके साथ ही हर सुबह व्यायाम से ही दिन की शुरूआत करती हूं।

खुद को बेहतर पाती हैं, बल्लेबाजी या गेंदबाजी में?

प्रदेश की ओर से खेलते हुए बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में ही अपना बेस्ट देने का प्रयास करती हूं, जिससे हमारी टीम को जीत हासिल हो सके। मैं टीम में एक आलराउंडर की भूमिका के लिए लगातार प्रयासरत हूं, जिसमें जरूरत पड़ने पर बल्लेबाजी संभाल सकूं, साथ ही गेंदबाजी के समय भी टीम के लिए योगदान दे सकूं।

किस पोजीशन पर बल्लेबाजी करना पसंद करेंगी?

बल्लेबाजी का क्रम टीम मैनजमेंट द्वारा ही तैयार किया जाता है, लेकिन मुझे वन डाउन और पांचवें नंबर पर बल्लेबाजी करना भी पंसद है।

क्रिकेट में आपके लिए आनंद क्या है। मजे और मेहनत में आपका संतुलन क्या है?

मैदान में होते हुए हर पल का एंजाय करती हूं। जर्सी पहन कर मैदान में होना अलग ही तरह का एहसास करवाता है। अगर आप खेल को एंजाय कर रहे हैं, तो अच्छी मेहनत हो सकेगी, जिसके परिणाम भी बेहतर देखने को मिलते हैं।

टीम इंडिया -ए में आना आपके लिए क्या मायने रखता है?

टीम इंडिया- ए में चयनित होने से काफी उत्साहित हूं। किसी भी खिलाड़ी के लिए भारत का प्रतिनिधित्व करना बड़ी बात होती है। अब देश की उम्मीदों पर खरा उतरने के लिए पूरा प्रयास करूंगी।

कोई एक सीनियर खिलाड़ी जिससे प्रेरणा लेती हैं?

युवराज सिंह मेरी प्रेरणा हैं।

क्या क्रिकेट में ही सपने पूरे करने हैं या इसके साथ-साथ कुछ और अंदाज भी है?

क्रिकेट मेरा सपना और जिदंगी है, क्रिकेट में भारत का प्रतिनिधित्व करने के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों की प्रतिभाओं को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करना चाहती हूं। साथ ही समाज सेवा के क्षेत्र में कार्य करने में दिलचस्पी रखती हूं।

आप अपने खेल में ऐसा क्या देखती हैं, जिसके कारण क्रिकेट के राष्ट्र्रीय क्षितिज पर आपका नाम चमका है?

खेल में अपनी लगन, मेहनत और लगातार अभ्यास कर अपनी खामियों को सुधारकर आगे बढ़ना है।

मेहनत और भाग्य के बीच तनुजा अपना विश्लेषण कैसे करती हैं?

मेरा यही भाग्य है कि मैं लगातार अभ्यास और प्रयास कर बेहतर खेलने के लिए कोशिश करती रही हूं। मेरी मेहनत में ही मेरा भाग्य छिपा हुआ है, उसे ही खोजने के प्रयास जारी हैं।

क्रिकेट से हटकर आपके मनोरंजन के साधन और कोई ऐसा गीत,फिल्म, नायक, नायिका, पुस्तक या कोई गायिका जो पसंद हो?

 मुझे फिल्में देखना, गाने सुनना और किताबें पढ़ना भी पंसद है। मुझे एमएस धोनी ए अनटोल्ड स्टोरी फिल्म भी काफी पंसद है।

— नरेन कुमार,धर्मशाला


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App