खबर छपते ही बैजनाथ-बाशिंग से सीवरेज की गंदगी साफ

बीएमओ ने अस्पताल के बाहर से हटवाया कूड़ा-कचरा

बैजनाथ— बैजनाथ अस्पताल के लीक हो रहे सेप्टिक टैंक परिसर में फैली गंदगी के बारे में ‘दिव्य हिमाचल’ में प्रकाशित समाचार पर अस्पताल प्रबंधन हरकत में आ गया है। इसके चलते बीएमओ महाकाल डा. विवेक सूद सुबह स्वयं मौके पर पहुंचे व सफाई कर्मचारियों से परिसर के बाहर फैली गंदगी और कूड़ा-कर्कट साफ करवाया। गौर हो कि पिछले कई दिनों से अस्पताल का सेप्टिक टैंक लीक हो रहा है, वहीं अस्पताल के टायलट से निकली पाइपों का भी वही हाल है। अस्पताल भवन के परिसर में गंदगी के ढेर पड़े थे। इस बारे अस्पताल प्रबंधन बेखबर था। अस्पताल के डाक्टर हों या फिर एसएमओ, मात्र अपनी ड्यूटी तक ही सीमित हैं, आए ड्यूटी पूरी की व चले गए। अस्पताल के चारों तरफ फैल रही गंदगी से किसी को सरोकार नहीं है। कई महीनों से अस्पताल रोड पर बैठे दुकानदार व अस्पताल, पोस्ट आफिस, रेस्ट हाउस, यहां तक कि श्रीचामुंडा मंदिर, शिव मंदिर की तरफ आने-जाने वाले यात्रियों को स्वागत व टैंक से फैली दुर्गंध से होता है। अस्पताल स्थित दुकानों के दुकानदारों का कहना है कि ‘दिव्य हिमाचल’ द्वारा उठाए मुद्दे पर सफाई तो होने लगी है। अब लगता है कि टैंक से हो रही लीकेज व पाइपों की मरम्मत भी हो जाएगी। बीएमओ डा. विवेक सूद का मानना है कि सफाई कर्मियों को हिदायत दी गई है कि अस्पताल के साथ-साथ बाहर फैली गंदगी कूड़ा-कचरा साफ करें। उनका कहना है कि शीघ्र ही टैंक खाली करवाकर मरम्मत की जाएगी व पाइपें भी ठीक करवाई जा रही हैं।

शमशी में 23 लाख से दो ट्रीटमेंट प्लांट बनाने की तैयारी

बाशिंग— जिला कुल्लू के शमशी औद्योगिक क्षेत्र में अब आईपीएच विभाग द्वारा जल्द ही 23 लाख रुपए से दो सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाए जाएंगे। मीडिया गु्रप ‘दिव्य हिमाचल’ ने कुल्लू और भुंतर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था, जिसमें साफ जाहिर हो रहा था कि सीवरेज के ट्रीटमेंट प्लांट की खस्ताहालत के कारण सारी गदंगी ब्यास में बहाकर नेशनल ग्रीन ट्रब्यूनल के आदेशों की भी सरेआम धज्जियां उड़ाई जा रही थीं। इसी कड़ी में अब प्रशासन ने हरकत में आते हुए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट दुरुस्त करने के साथ-साथ जहां संभव है, वहां नए सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट बनाने के निर्देश भी जारी कर दिए हैं। शमशी पूरी तरह ब्यास नदी के किनारे ही बसा हुआ है। यहां के कारखानों का हर साल करोड़ों रुपए का टर्नओवर है। यहां सैकड़ों लोग काम करते हैं, लेकिन यहां की गदंगी भी कहीं न कहीं ब्यास में बहाने का प्रयास किया जाता है, जिसे लेकर जिला प्रशासन कुल्लू भी हरकत में आ गया है। शमशी में तकरीबन 38 औद्योगिक इकाइयां चल रही हैं। इन दिनों कुल्लू-मनाली में एनजीटी के अधिकारियों ने भी डेरा डाले रखा है। ऐसे में जिला प्रशासन कुल्लू भी किसी तरह का कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। उद्योग विभाग कुल्लू डिवेलपमेंट फंड से इसका निर्माण किया जा रहा है। उद्योग विभाग कुल्लू के प्रबंधक राजेंद्र सिंह ने बताया कि शमशी में 23 लाख रुपए से सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित किया जाना है। इसके लिए विभाग के पास पैसा आ गया है। जल्द ही यह पैसा आईपीएच विभाग को ट्रांसफर किया जा रहा है।