खेल उपलब्धियों के आईने में

By: Dec 29th, 2017 12:05 am

भूपिंदर सिंह

लेखक, राष्ट्रीय एथलेटिक प्रशिक्षक हैं

वर्ष 2017 हिमाचल खेल इतिहास में खेल अधिकारियों व खिलाडि़यों के लिए कई खास उपलब्धियों व नई ऊंचाइयों के लिए याद किया जाएगा। उम्मीद है आगामी वर्ष में नई बनी सरकार खेलों को नई दिशा देकर अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में तिरंगे को ऊपर उठाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देगी…

वर्ष 2017 हिमाचल खेल इतिहास में खेल अधिकारियों व खिलाडि़यों के लिए कई खास उपलब्धियों व नई ऊंचाइयों के लिए याद किया जाएगा। मुक्केबाजी प्रशासक राजेश भंडारी भारतीय मुक्केबाजी संघ के प्रशिक्षण कार्यक्रम का निदेशक नियुक्त होकर वर्ष 2017 की अंतरराष्ट्रीय मुक्केबाजी प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व करते नजर आएंगे। प्रशिक्षक नरेश के मुक्केबाज आशीष चौधरी तथा विरेंद्र राष्ट्रमंडल खेलों के लिए लगे अंतिम प्रशिक्षण शिविर का हिस्सा बने हुए हैं। शिमला के मुक्केबाजी प्रशिक्षक अनुराग राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर में प्रशिक्षण के गुर सिखा रहे हैं। हैंडबाल में शौकिया प्रशिक्षक स्नेहलता की लड़कियां हिमाचल का नाम अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में चमकाती नजर आईं। बिलासपुर में पहली बार राजकीय महाविद्यालय ने उत्तर भारतीय अंतर विश्वविद्यालय महिला हैंडबाल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया और हिमाचल की बालाएं विजेता रहीं।

ओलंपिक दिवस पर राज्य ओलंपिक संघ के अध्यक्ष अनुराग ठाकुर ने देर बाद ही सही, भव्य राज्य ओलंपिक खेल मेले का आयोजन भी इस वर्ष करवाया। अंतरराष्ट्रीय बैडमिंटन प्रतियोगिता में राज्य बैडमिंटन संघ के सचिव राजेंद्र शर्मा ने प्रबंधक के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। नेटबाल में भी अशोक आनंद ने प्रबंधक के रूप में भारत का प्रतिनिधित्व एशियाई नेटवाल प्रतियोगिता में किया। ओलंपिक रजत पदक विजेता शूटर विजय कुमार इस वर्ष सेना से सेवानिवृत्त होकर अपने गांव वापस आ गए हैं, मगर इस वर्ष हिमाचल सरकार उन्हें कोई सम्मानजनक नौकरी देने में नाकायाब रही है। आशा है नई सरकार विजय कुमार को राज्य में सम्मानजनक नौकरी जल्द दे देगी। कुश्ती प्रतियोगिता में एक बार फिर राष्ट्रीय खेलों के स्वर्ण पदक विजेता जोनी चौधरी राष्ट्रीय स्तर पर कुश्ती में कांस्य पदक जीतने में कामयाब रहे। हिमाचली बाला रानी  राणा को भी इस प्रतियोगिता में एक कांस्य पदक मिला। बुशू की अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिता में डा. संजय यादव को भी खेल अधिकारी के रूप में प्रतिनिधित्व करने का मौका इस वर्ष मिला।

शीतकालीन ओलंपिक खेल 2018 के लिए भारत की ओर से क्वालिफाई करने का गौरव भी हिमाचली शिवा केशवन को इस वर्ष पिछले माह ही मिला है। शिवा केशवन लगातार छठी बार भारत का प्रतिनिधित्व ओलंपिक में कर रहे हैं। इस वर्ष शिवा एशियाई ल्यूज प्रतियोगिता में भी भारत को स्वर्ण पदक दिलाने में फिर कामयाब रहा है। धर्मशाला खेल छात्रावास की सीमा ने इस वर्ष जहां राष्ट्रीय राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान बनाते हुए कनिष्ठ व स्कूली एथलेटिक्स की राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हर जगह राज्य के लिए स्वर्ण पदक जीते, वहीं इस धाविका ने यूथ एशियाई एथलेटिक में भारत के लिए कांस्य पदक भी इसी वर्ष जीता। प्रशिक्षक केहर सिंह पटियाल की यह शिष्या यूथ राष्ट्रमंडल खेलों में भी भारत का प्रतिनिधित्व करने में कामयाब रही।

ऊना खेल छात्रावास के अंकेश भी इस वर्ष कनिष्ट राष्ट्रीय एथलेटिक्स में हिमाचल प्रदेश को कांस्य पदक दिलाने में सफल हुए हैं। सफल कबड्डी प्रशिक्षक मेहर चंद वर्मा इस वर्ष भारतीय खेल प्राधिकरण के धर्मशाला छात्रावास से सेवानिवृत्त हो गए। हिमाचल महिला कबड्डी को ऊंचाइयां दिलाने में इस प्रशिक्षक का योगदान सदैव याद किया जाएगा। इसी वर्ष एशियाई कबड्डी प्रतियोगिता में अजय ठाकुर ने भारत का नेतृत्व कर भारत को स्वर्ण पदक दिलाया, वहीं प्रियंका नेगी तथा बबीता ठाकुर ने भी महिला एशियाई कबड्डी प्रतियोगिता में भारत के लिए स्वर्ण पदक जीतकर देश व प्रदेश का मान बढ़ाया है। प्रो लीग कबड्डी में हिमाचल के गबरू टीवी में सबको नजर आते रहे हैं। क्रिकेट में सुषमा वर्मा ने महिला विश्व कप क्रिकेट प्रतियोगिता में महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हुए भारत को विजेता होने में सफल बनाया। अंतरराष्ट्रीय महिला सीरीज में सुंदरनगर की नीता चौधरी व शिमला की तनुजा कंवर का चयन भी प्रदेश के लिए गौरव की बात रही है। हिमाचल में खेल आरक्षण के अंतर्गत तृतीय श्रेणी के पदों पर भर्ती तो रोस्टर के अनुसार पिछले 18 वर्षों से हो रही है, मगर प्रथम श्रेणी में नौकरी के लिए मंत्रिमंडल में फैसला कर अजय ठाकुर व सुषमा वर्मा को हिमाचल पुलिस में डीएसपी के पद पर इसी वर्ष नियुक्ति मिली है।

2018 राष्ट्रमंडल खेल तथा एशियाई खेल 2018 के लिए लगे एथलेटिक के प्रशिक्षण शिविर में हिमाचल का प्रशिक्षक भी भारतीय टीम को प्रशिक्षित कर रहा है। हिमाचल प्रदेश के कई खिलाडि़यों ने कनिष्ठ वर्ग में विभिन्न खेलों में बहुत अच्छा प्रदर्शन किया है, मगर राज्य में बनी हुई अंतरराष्ट्रीय स्तर की खेल सुविधाओं का उपयोग खिलाडि़यों के लिए करवाने में खेल विभाग इस वर्ष भी नाकाम रहा है। खेल विभाग में हुई प्रशिक्षकों की भर्ती में खामियों की चर्चा पूरा वर्ष होती रही है। वर्ष 2017 को अलविदा कहते हुए आगामी वर्ष में नई बनी सरकार राज्य में खेलों को नई दिशा देकर इस बर्फ के प्रदेशों के लोगों में से उत्कृष्ट खिलाडि़यों के प्रशिक्षण पर जोर देकर आगामी अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में तिरंगे को ऊपर उठाने में अपना महत्त्वपूर्ण योगदान देगी।

ई-मेल : penaltycorner007@rediffmail.com


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