छात्रों को हीटर क्यों नहीं

नौहराधार— जिला सिरमौर में शीतकालीन क्षेत्रों में इन दिनों बच्चों की वार्षिक परीक्षाएं चल रही हैं, जिसमें बच्चे ठंड के कारण ठिठुर रहे हैं। आजकल शुष्क ठंड के कारण भी खासतौर से स्कूली बच्चों तथा कर्मचारियों को कार्यालय व स्कूलों में खासी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। क्षेत्र में ठंड इस मर्तबा नौनिहालों को स्कूलों में ठिठुरने के लिए मजबूर कर रही हैं। अलबत्ता सर्दी से बचने के लिए स्कूलों में प्रबंध न होने के चलते नौनिहाल यहां ठंड में परीक्षा देने में मजबूर हैं । मजेदार बात यह है कि सभी अन्य कार्यालयों में सरकार हीटर की सुविधाएं प्रदान करती हैं, लेकिन स्कूली बच्चों के लिए सरकार व विभाग कोई व्यवस्था नहीं करता है। जिला सिरमौर के ऊपरले क्षेत्र नौहराधार, हरिपुरधार, संगड़ाह में आजकल कड़ाके की ठंड हो गई है। इन क्षेत्रों में बर्फ भी बहुत ज्यादा गिरती है। इसके चलते 11 व 12 दिसंबर को मौसम विभाग ने बर्फबारी व बारिश की चेतावनी जारी की है। यह सोचने वाला विषय है कि ऐसे मौसम में अब बिना प्रबंध के बच्चे कैसे परीक्षाएं देंगे। इन क्षेत्रों में किसी भी स्कूल में विभाग व सरकार ने बिजली हीटर, गैस हीटर की कोई सुविधा प्रदान नहीं की है। नौहराधार खंड में 71 प्रारंभिक स्कूल व 23 मिडल उच्च विद्यालय व वरिष्ठ माध्यमिक स्कूलों में शीतकालीन परीक्षाएं चल रही हैं। इसी तरह संगड़ाह शिक्षा खंड के 93 में से 64 स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं।  बाकी 29 स्कूलों की परीक्षाएं ग्रीष्मकालीन होती हैं यानी अप्रैल में होती हैं। राजगढ़ शिक्षा खंड की 105 स्कूलों के करीब 95 स्कूलों में परीक्षाएं चल रही हैं। बकरास शिक्षा खंड के करीब 35 स्कूलों में शीतकालीन परीक्षाएं चल रही हैं। कई दुर्गम क्षेत्रों में ऐसे भी स्कूल हैं जहां पर स्कूल जंगल में हैं तथा धूप भी दोपहर बाद निकलती है। जहां पर सर्दियों में कड़ाके की ठंड पड़ती है और तापमान शून्य से नीचे रहता है।  अभिभावकों ने भी इस पर बहुत ज्यादा रोष प्रकट किया है। इनका कहना है कि यह आलम हर वर्ष होता है। कभी भी स्कूलों में ठंड से बचने के लिए विभाग व सरकार पुख्ता प्रबंध नहीं करती हैं। अभिभावकों का कहना है कि जब ग्रीष्मकालीन क्षेत्रों में पंखों, कूलरों का प्रबंध किया जाता है तो शीतकालीन क्षेत्रों में बिजली हीटर, गैस हीटर का प्रबंध नहीं हो सकता। उधर, जिला उपनिदेशक एलिमेंटरी शिक्षा व अपर शिक्षा विभाग नाहन दलीप सिंह नेगी ने बताया कि यह बात सही है कि बच्चों के लिए हीटर आदि का प्रबंध होना चाहिए। विभाग से एसएमसी के लिए भी ग्रांट जाता हैं। उन्हें भी सर्दी के बचने के लिए बजट रखना चाहिए तभी प्रबंधक कमेटी बनाई जाती हैं। इसके लिए सरकार से अलग बजट नहीं आता है। जब भी कहीं मीटिंग होगी इस विषय में पैरवी की जाएगी तथा सरकार के समक्ष भी ये बातें रखी जाएंगी।