जुगाड़ के सहारे पंचरुखी की रोशनी

 पंचरुखी — आखिर कब तक बिजली व्यवस्था जुगाड़ से ही चलेगी। आए दिन व्यवस्था के प्रभावित होने से विद्युत उपमंडल पंचरुखी के तहत लोग परेशान हैं। बार-बार के कटों से दिक्कतों से जूझना पड़ता है व बिजली पर निर्भर कार्य ठप हो रहे हैं, जबकि विभाग भी वर्षों पुरानी बिछी बिजली की लाइनों को जुगाड़ से चलाए हुए है। सरकारें आईं व चली गई पर किसी ने भी उक्त उपमंडल की समस्याओं को समझाने या समाधान पर विचार तक नहीं किया, जबकि लाइन में फाल्ट है, बिजली पीछे से बंद है या फिर फाल्ट ट्रेस कर रहे हैं। यह रटारटाया जवाब देते है। बिजली वाले पंचरुखी विद्युत उपमंडल पंचरुखी के तहत रक्कड़ सेक्शन  व पंचरुखी में सुनने को मिल रहे हैं। हद हो गई पिछले  कई दिन से रोजना घंटों व्यवस्था बाधित हो रही है। व्यवस्था सुबह कार्य की शुरुआत व पानी इत्यदि आने के समय गुल हो जाती है, लेकिन व्यवस्था बहाल करने वाले फाल्ट ट्रेस करने में  असमर्थ हैं। या फिर जुगाड़ के नीति पर  चले हुए हैं। गत रात्रि से रक्कड़ सेक्शन अंधेरे में डूबो रहा। घंटों व्यवस्था बाधित होने से पानी व्यवस्था पूरी ठप रही तो बच्चों की पढ़ाई भी बाधित हुए। लगभग एक सप्ताह से यहां व्यवस्था की आंख मिचौनी जारी है, जबकि विभाग व्यवस्था को बहाल रखने में असमर्थ नजर आ रहा है, जबकि संपर्क साधने पर देखने का रटारटाया जवाब मिलता है। व्यवस्था बार-बार गुल होने से जहां पानी व्यवस्था ठप हो जाती है वही लघु उद्योगों से जुड़े लोगों के काम ठप हो जाते हैं। एक तो पहले ही कर्मचारियों  की कमी से विभाग जूझ रहा है ऊपर से कुछ सेक्शनों में य स्थायी कनिष्ठ अभियंता न होने से यहां कोई जवाब देहि  नहीं होता, जबकि चार्ज लिए अधिकारी भी कम ही ध्यान इस सैक्शन पर देता है, जिससे आए दिन व्यवस्था प्रभावित हो रही है। हैरानी तो इस बात की है कि आधे हिस्से में व्यवस्था चालू होती है शेष में आए दिन फाल्ट की बात सुनने को मिलती है, जिससे विभागीय इंजीनियरी पर सवालिया निशान लगाना लाजिमी है । लोगों का कहना है कि हर कार्य बिजली पर निर्भर है ऊपर से व्यवस्था के बार-बार गुल होने से जीवन अस्त व्यस्त हो रहा है। लोगों ने मांग की है कि व्यवस्था को सुचारू किया जाए। व यहां स्थायी कनिष्ठ अभियंता नियुक्त किया जाए । इस विषय में यहां का चार्ज संभाले कनिष्ठ अभियंता समीर का कहना है कि फाल्ट आने से समस्या आई है। फाल्ट ट्रेस हो गया है व व्यवस्था बहाल कर दी गई।