ट्रेनी कंडक्टर भर रहे अपनी जेब

हमीरपुर — एचआरटीसी में ट्रेनी कंडक्टर रोजाना हजारों रुपए का टांका लगा रहे हैं। निगम को उक्त कंडक्टरों से सेवाएं लेना महंगा पड़ रहा है। निगम ने अभी तक प्रदेश भर से 760 के करीब प्रशिक्षु कंडक्टरों को नौकरी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। जबकि दो दर्जन से अधिक प्रशिक्षु के खिलाफ राज्य के विभिन्न थानों में एफआईआर दर्ज करवाई गई है। उल्लेखनीय है कि एचआरटीसी एक हजार करोड़ रुपए के वित्तिय घाटे के बोझ से दबा पड़ा है। निगम ने घाटे से उबरने के लिए बेरोजगार युवाओं को बसों में प्रशिक्षण देने की योजना बनाई थी। इसके चलते प्रशिक्षु कंडक्टरों से 25 रुपए प्रति घंटे सेवाएं ली जा रही हैं। प्रशिक्षु कंडक्टरों को आठ घंटे में 200 रुपए दिए जा रहे हैं, लेकिन प्रशिक्षु कंडक्टर निगम की बसों में हर रोज हजारों रुपए का चूना लगा रहे हैं। राज्य भर में टांका खोर कंडक्टरों और प्रशिक्षुओं को पकड़ने के लिए चलाए गए अभियान के दौरान करीब 760 प्रशिक्षुओं को टांके लगाते रंगे हाथ पकड़ा गया है। जिन्हें प्रशिक्षण से हाथ धोना पड़ा है। यही नहीं 20 से अधिक प्रशिक्षुओं के खिलाफ  प्रदेश केविभिन्न थानों में एफआईआर भी दर्ज करवाई गई है। जो प्रशिक्षु टांका लगाते पकड़े गए हैं। वह भविष्य में एचआरटीसी में नौकरी नहीं कर सकेंगे। क्योंकि उनके लिए निगम में नौकरियों के द्वार हमेशा के लिए बंद हो गए हैं। निगम की फ्लाइंग टीम लगातार ऐसे कंडक्टरों पर नजर रखे हुए, ताकि कोई भी कंडक्टर टांका लगाते पकड़ा जाता है, तो उसके खिलाफ शिकंजा कसा जाए। सूत्रों की मानें तो फ्लाइंग टीमों को कंडक्टरों को पकड़ना दिन-प्रतिदिन मुश्किल होता जा रहा है। कंडक्टरों के सामूहिक व्हाट्सऐप गु्रप के चलते लाइंग टीम की पल-पल की जानकारी उन्हें मिलती रहती है। इसके चलते वे हमेशा चौंकने रहते हैं। एचआरटीसी के एमडी अशोक तिवारी का कहना है कि निगम की लाइंग टीमों ने राज्य भर में 760 के करीब प्रशिक्षु कंडक्टरों को टांका लगाते रंगे हाथ पकड़ा है। पकड़े गए प्रशिक्षुओं को प्रशिक्षण से बाहर कर दिया गया है। उन्हें अब निगम की बसों में दोबारा नौकरी का अवसर नहीं दिया जाएगा।