देहरा को सरकार से अच्छे दिन की आस

तरक्की के पथ पर पीछे चल रहा देहरा विधानसभा क्षेत्र अब नई सरकार से लंबे पग की आस लगाए बैठा है। गड्ढों से भरी बदहाल सड़कें नई सरकार की परीक्षा लेने को तैयार हैं। क्षेत्र के कई गांव ऐसे हैं, जिन्हें सड़क तक मयस्सर नहीं हुई। लोगों का जीवन मात्र ट्रेन के सहारे चलता है, अगर वह भी बंद हो जाए तो वे शेष विश्व से कट कर रह जाते हैं। साथ ही स्वास्थ्य सुविधाएं भी आंसू बहा रही हैं…

भटेहड़वासा— प्रदेश विधानसभा चुनाव हो चुके हैं और अब इंतजार है नई सरकार के गठन का। विकास की गति में गत में हर तरफ से पिछड़े हिमाचल प्रदेश के देहरा विधानसभा क्षेत्र को नई आने वाली सरकार से कई उम्मीदें हैं। लोगों को आस है कि शायद अब आने वाली नई सरकार देहरा विधानसभा क्षेत्र की ओर भी ध्यान देगी और इस क्षेत्र के भी अच्छे दिन आएंगे। इस विधानसभा क्षेत्र की बदहाल सड़कें भी नई सरकार की परीक्षा लेने को तैयार बैठी हैं। चाहे वे संपर्क मार्ग हों या मुख्य मार्ग, धूल मिट्टी और गड्ढों से भरी पड़ी यहां की सड़कें राहगीरों व वाहन चालकों के लिए परेशानी का सबब बनी हुई हैं। इस क्षेत्र के कई गांव ऐसे भी हैं, जहां आज तक सड़क सुविधा ही नहीं है, जैसे लूनसु, धार, धंगड़, टिल्ला, मदराटा व त्रिपल  के लोगों का जीवन मात्र ट्रेन के सहारे चलता है, अगर वह भी बंद हो जाए तो ये गांव शेष विश्व से कट कर रह जाते हैं। इन गांवों को सड़क से जोड़ना भी नई सरकार को चुनौती होगा। हरिपुर का अस्पताल भी नई सरकार की परीक्षा लेने को तैयार है। इस अस्पताल को सीएचसी का दर्जा तो दे दिया गया, लेकिन आज भी यह अस्पताल वर्षों पुराने जर्जर हो चुके भवन में चल रहा है। न तो यहां पूरा स्टाफ है और न ही प्रयाप्त डाक्टर सरकार मुहैया करवा पाई है। नए भवन का निर्माण तो हुआ ही नहीं। छोटी काशी कहे जाने वाले सैकड़ों ऐतिहासिक धरोहरें संजोए बैठे हरिपुर कस्बे को भी पर्यटन की दृष्टि से विकसित करना आने वाली सरकार के लिए अहम चुनौती होगा। पौंग डैम को भी पर्यटन की  दृष्टि से विकसित करने के लिए उचित कदम उठाने की जरूरत है। सीयू की देहरा में स्थापना, ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया करवाना, सांसद आदर्श ग्राम योजना में चयनित ऐतिहासिक धरोहर रॉक कट टेंपल मसरूर भी नई सरकार की परीक्षा लेने को तैयार बैठा है, क्योंकि न तो यह गांव आदर्श वन पाया है और न ही पर्यटन की दृष्टि से विकसित हो सका है।