नेताओं की धड़कनें तेज 14 की शाम एग्जिट पोल

शिमला— हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव नतीजों से पहले 14 दिसंबर को एग्जिट पोल आएंगे। भाजपा-कांग्रेस के साथ-साथ अन्य दलों की भी नजरें एग्जिट पोल पर टिकी हैं। यानी 18 दिसंबर तक दावे-प्रतिदावे न करने की दुहाई देने वाले राजनेता अब 14 के इंतजार में बैठे हैं। अभी तक जो सूचनाएं मिलती रही है, उनके मुताबिक भाजपा व कांग्रेस ने कुछ एजेंसियों से एग्जिट पोल करवाए थे। उन्हीं के दावों के अनुरूप दोनों दल मीडिया में भी हुंकार भरते आ रहे हैं, मगर हैरानी की बात है कि अब प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा दिखाए जाने वाले एग्जिट पोल पर ऐसे ही बड़े राजनेताओं की निगाहें टिकी हैं। खास बात यह भी कि जैसे-जैसे नतीजों का काउंटडाउन हो रहा है, वैसे-वैसे राजनेताओं की धड़कनें भी बढ़ रही हैं। अब लंबे दावे व प्रतिदावे नहीं हो रहे हैं। सुबह कुछ और दावे दिख रहे हैं तो शाम ढलते ही कुछ और। यूं कहा जा सकता है कि नतीजों के कुछ दिनों पहले भी मतदाताओं की खामोशी राजनेताओं को चुभन दे रही है। भाजपा के वरिष्ठ नेता इसे आने वाला तूफान बता रहे हैं, जो कांग्रेस के सियासी तंबू को उखाड़ फैंकेगा, जबकि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता इस चुप्पी को मिशन रिपीट से जुड़ा हुआ बता रहे हैं। उनका दावा है कि जीएसटी, नोटबंदी व महंगाई से तंग प्रदेश के लोगों ने मोदी सरकार के खिलाफ फैसला सुनाएगी। क्योंकि  हिमाचल उपभोक्ता राज्य है, यहां सीधा असर केंद्र की नीतियों का पड़ता है, जबकि भाजपा के  नेता इससे इत्तेफाक नहीं रखते। उनका तर्क है कि सरकारी क्लास थ्री व फोर में इंटरव्यू की शर्त काफी देर से खत्म की गई, जिससे 42 फीसदी से भी ज्यादा युवा मतदाता निराश था। कभी को-आपरेटिव बैंकों में भर्तियों में कथित तौर पर धांधलियों के आरोप लगते रहे तो कभी एचआरटीसी की कंडक्टर भर्ती पर। रिटायर्ड व टायर्ड लोगों को सरकार में बिठाया जाता रहा। फिजूलखर्ची की तमाम सीमाएं लांघ दी गई। भाजपा ऐसी दुहाई देकर मिशन 50 प्लस के सपने देख रही है।

जनता की नजरें भी टिकीं

नतीजों से पहले एग्जिट पोल हिमाचल के ईवीएम में कैद हो चुके सियासी दलों के भविष्य को लेकर क्या परिदृश्य पेश करेगा, इस पर सभी की नजरें टिकी हैं। चुनाव आयोग ने 14 दिसंबर शाम पांच बजे तक एग्जिट पोल पर प्रतिबंध लगा रखा है।

48 केंद्रों पर होगी मतगणना

शिमला— मुख्य निर्वाचन अधिकारी पुष्पेंद्र राजपूत ने शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से 18 दिसंबर को होने वाली मतगणना के प्रबंधों की समीक्षा की। उन्होंने कहा कि मतगणना से जुड़े सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों को इस संबंध में आवश्यक प्रशिक्षण दिया जा रहा है, ताकि मतगणना से जुड़ी प्रत्येक व्यवस्था सुचारू रूप से पूर्ण की जा सके। प्रदेश के 68 विधानसभा क्षेत्रों की मतगणना के लिए निर्धारित सभी 48 स्थानों पर समुचित स्टाफ की व्यवस्था कर दी गई है। उन्होंने बताया कि मतगणना केन्द्रों में मोबाइल फोन लाने पर प्रतिबंध होगा। इसके अलावा केंद्र में स्थापित मीडिया सेंटर पर समाचार भेजने के लिए सभी सुविधाएं उपलब्ध करवाई जाएंगी। मतगणना केंद्रों से वेब कास्टिंग भी की जाएगी। सबसे पहले डाक मत पत्रों की गणना की जाएगी, तदोपरांत ईवीएम मशीन से मतगणना का कार्य पूर्ण किया जाएगा।