पहाड़ चीर बनाया रास्ता

आप सभी ने फिल्म ‘मांझी—दि माउंटेन’ तो जरूर देखी होगी। इस फिल्म में एक्टर ने एक सुपर हीरो की तरह पहाड़ काटकर सड़क बना दी थी। जो कि बिहार के मांझी पर आधारित थी। आज हम आपको एक ऐसे ही एक और माउंटेन मैन की कहानी बता रहे हैं। उत्तराखंड के चंपावत जिले की मझोड़ा ग्राम पंचायत के गांव पुष्पनगर में तीन साल पहले बृजेश विष्ट ने भी दशरथ मांझी जैसा ही काम कर दिखाया था। बृजेश ने भी अकेले ही पहाड़ चीरकर उसमें सड़क बना दी। वैसे तो यह सड़क फिलहाल कच्ची है, लेकिन यहां से हल्के-फुल्के वाहन और पैदल यात्री आसानी से निकल जाते हैं। पहले सड़क न होने की वजह से सभी को जंगलो में से गुजरना पड़ता था, साथ ही बच्चों को स्कूल जाने के लिए नाले पर से कूदकर जाना पड़ता था, लेकिन अब इस कच्चे रास्ते से सभी आसानी से निकल जाते हैं। बृजेश ने गांव वालों की मुसीबत और प्रशासन की अनदेखी को देखकर ही पहाड़ तोड़ने का निर्णय लिया था। बृजेश सेना का जवान है। जब उसने अपने हाथों में छेनी, हथौड़ा, और कुदाल उठाई तब वह तीन कुमाऊ रेजीमेंट में था और उनकी तैनाती पिथौरागढ़ में थी, बृजेश जब भी अपनी ड्यूटी से छुट्टी लेकर आता, तब वह हाथ में औजार उठाकर पहाड़ तोड़ने निकल पड़ता। 39 वर्षीय बृजेश ने इस काम के लिए न तो किसी मजदूर की मदद ली और न ही उसने इसमें गांववालों की मदद ली। उसने यह काम अकेले ही कर दिखाया। बृजेश ने साल 2014 में सड़क बनाने का काम शुरू किया था और कड़ी मेहनत कर आखिरकार उसने दो किलोमीटर लंबी सड़क बना ही दी। पहले सड़क न होने की वजह से सभी को जंगलो में से गुजरना पड़ता था।