पाक में हिंदुस्तानी फौजियों का टॉर्चर

By: Dec 8th, 2017 12:15 am

युवा उत्सव में हमीरपुर की टीम ने जगाया देशभक्ति का जज्बा

बिलासपुर— युवा सेवाएं एवं खेल विभाग के तत्त्वावधान में जिला बिलासपुर के बास्केटबाल मैदान में चल रहे 34वें राज्य स्तरीय युवा उत्सव में एकांकी प्रतियोगिता करवाई गई। इसमें कांगड़ा, शिमला, ऊना व हमीरपुर की टीम ने नाटकों की प्रस्तुति दी। कांगड़ा की टीम ने अश्वत्थामा की मुक्ति को लेकर नाटक उरूभंगम प्रस्तुत किया, जिसका निर्देशन सुनील समियाल ने किया। नाटक में शालिनी ने सूत्रधार कृतवर्मा, संजय ने अश्वत्थामा, अभिषेक ने दुर्योधन, आदर्श ने दुर्योधन का प्रतिरूप, शिल्पा ने गांधारी, मारवीन ने सूत्रधार, अमीर ने धृतराष्ट्र, सुदेश वेदी ने अर्जुन, दिव्यांशी ने कृष्ण व अमन ने बलराम का अभिनय किया। संगीत अरुण व हिमानी शर्मा ने दिया। एकांकी प्रतियोगिता के निर्णायक मंडल में प्रवीण चांदला, भूपेंद्र शर्मा व डा. सीमा शर्मा शामिल रहीं। इसके अलावा शिमला की टीम ने राजस्थानी स्लैंग में घना बावला चोर नाटक के माध्यम से सत्य से जुड़े चोर की कहानी बयां की। इसका नाटक का निर्देशन पूजा पाठक ने किया। सत्यवादी चोर की कहानी विजय दान ने लिखी है। ऊना जिला की टीम ने मेहनत करो, सफल बनो शीर्षक नाटक की प्रस्तुति दी, जिसका निर्देशन जोगेंद्र कौशल ने किया, जबकि लेखक अजय कौशल रहे। हमीरपुर की टीम ने अरुण चौहान के निर्देशन में युद्धबंदी नाटक की शानदार प्रस्तुति दी, जिसमें संगीत अशोक राणा ने दिया, जबकि इसकी कहानी पंकज ने लिखी थी। इस नाटक में पाक में हिंदुस्तानी फौजियों के साथ किए जाने वाला दुर्व्यवहार व टॉर्चर दिखाया गया। उत्सव में युवा एवं खेल विभाग के उपनिदेशक पदम सिंह नेगी, जिला खेल अधिकारी श्याम लाल कौंडल, युवा समन्वयक रूप सिंह ठाकुर, योधराज शर्मा, नीरज वर्मा, हीरा लाल, अनूप शर्मा व गुंजन दास सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

बिलासपुर में यूथ फेस्टिवल

दूसरा दिन

युवा उत्सव दूसरे दिन लोक नृत्य व लोक गीत प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें शिमला, ऊना, हमीरपुर, मंडी, सोलन, सिरमौर, कांगड़ा, चंबा, कुल्लू, किन्नौर व बिलासपुर की टीम के कलाकारों ने संस्कृति को लेकर नृत्य व गीतों की प्रस्तुति दी। बिलासपुर की टीम ने चल मेरी जिंदे नवी दुनिया बसानी लोक गीत से भाखड़ा विस्थापन का दर्द बयां किया, जबकि कुल्लू की टीम ने ‘काले बादला हेठे’ लोक गीत से पारंपरिक गाथा प्रस्तुत की, जबकि, चंबा टीम ने कपड़ेयां धोवां छम-छम रोवां व कांगड़ा टीम ने भादो महाने री हरी-हरी राति लोक गीत प्रस्तुत कर खूब वाहवाही लूटी। लोक गीत व नृत्य प्रतियोगिता में मोहन राठौर, डा. सूरत ठाकुर व कुलदीप गुलेरिया ने कलाकारों की प्रतिभा परखी। कहलूर खेल परिसर में सितार, बांसुरी व तबला वादन प्रतियोगिता करवाई गई, जिसमें प्रदेश भर के 11 जिलों के प्रतिभागियों ने हुनर का प्रदर्शन किया। इन प्रतियोगिताओं में मृत्युंजय शर्मा, डा. राजीव शर्मा व डा. कश्मीर सिंह ने निर्णायक मंडल की भूमिका अदा की।


Keep watching our YouTube Channel ‘Divya Himachal TV’. Also,  Download our Android App