प्रोफेसर ने नौकरी छोड़ चमकाई खेती

भारत को खेती प्रदान देश माना जाता है, लेकिन यहां अब भी ऐसी हालत है कि किसान कर्ज में डूबकर आत्महत्या तक कर जाते हैं, लेकिन आज हम आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहे हैं जिसे सुनकर सभी नौजवानों का दिल कुछ कर गुजरने के लिए तत्त्पर हो जाएगा। 27 वर्षीय वल्लरी चंद्राकर ने कम्प्यूटर साइंस किया था जिसके बाद उन्होंने एक कालेज में प्रोफेसर की नौकरी भी की थी, लेकिन उन्होंने एक साल में ही यह नौकरी छोड़ दी। वल्लरी ने यह नौकरी क्यों छोड़ी इसे सुन आप भी हैरान हो जाएंगे। वल्लरी के टीचिंग छोड़ने पर लोग उन्हें पढ़ी-लिखी बेवकूफ तक कहने लगे। वल्लरी के पिता ने 27 एकड़ जमीन पर फार्म हाउस बनाना चाहा, लेकिन वल्लरी ने इस जमीन पर खेती करनी शुरू कर दी। वल्लरी का सभी ने विरोध किया। बावजूद इसके वो अपने काम में जुटी रही। धीरे-धीरे वल्लरी को उनके काम में सफलता मिलने लगी और उनके द्वारा उगाई गई सब्जियां इंदौर, नागपुर, बंगलूर और दिल्ली तक भेजी जाने लगीं। वल्लरी की मेहनत इतनी ज्यादा सफल हो गई कि धीरे-धीरे उसे विदेश से भी आर्डर मिलने लगे। वल्लरी को दुबई और इजराइल तक से आर्डर मिले हैं। यहां उसे टमाटर और लौकी भेजनी होती है जिसके लिए वह इन दिनों तैयारियां कर रही है। वल्लरी बताती है कि खेती से ज्यादा किसी भी नौकरी की अहमियत नहीं हो सकती है, यह काम उसे सुकून देता है। वल्लरी इंटरनेट के माध्यम से खेती करने की नई-नई तकनीके खोजकर गांव के सभी किसानों को भी उन तकनीकों के बारे में बताती रहती है, साथ ही हर थोड़े दिनों में वह किसानों की वर्कशॉप भी आयोजित करवाती है। गौरतलब है कि 27 वर्षीय वल्लरी चंद्राकर ने कम्प्यूटर साइंस में पढ़ाई की थी, जिसके बाद उन्होंने एक कालेज में प्रोफेसर की नौकरी भी की थी, लेकिन उन्होंने एक साल में ही यह नौकरी छोड़ दी। और वल्लरी को लोग बेवकूफ तक कहने लगे थे।