फार्मा मार्केटिंग दवाई से कमाई

By: Dec 13th, 2017 12:10 am

कंपनियां तो दवाइयां बना देती हैं, पर उनके प्रचार- प्रसार का जिम्मा फार्मा मार्केटिंग एक्सपर्ट पर  होता है। दवा व्यापार के क्षेत्र में मार्केटिंग में अगर करियर बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है चिकित्सा क्षेत्र की उम्दा जानकारी का होना और उससे भी अहम है मैनेजमेंट, चिकित्सा और दवा तीनों की पर्याप्त जानकारी का होना…

मेडिकल का क्षेत्र एक ऐसा क्षेत्र है, जिस का सीधा संबंध मनुष्य के जीवन से जुड़ा है। इसमें केवल डाक्टर या नर्स और कंपाउंडर ही मुख्य किरदार नहीं हैं, बल्कि एक किरदार ऐसा भी है, जो इस क्षेत्र में अहम भूमिका निभाता है और वह है दवा की मार्केटिंग करने वाला। कंपनियां तो दवाइयां बना देती हैं, पर उनके प्रचार- प्रसार का जिम्मा फार्मा मार्केटिंग पर होता है। दवा व्यापार के क्षेत्र में मार्केटिंग में अगर करियर बनाना चाहते हैं, तो जरूरी है चिकित्सा क्षेत्र की उम्दा जानकारी का होना और उससे भी अहम है मैनेजमेंट, चिकित्सा और दवा तीनों की पर्याप्त जानकारी का होना। चिकित्सा क्षेत्र में ऐसे कार्यों को अंजाम दिया जा सके, इसी के मद्देनजर कई विश्वविद्यालयों व कालेजों में फार्मा मार्केटिंग के पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। भले ही फार्र्मा मार्केटिंग सुनने में बिलकुल नया विषय लगे, लेकिन इसमें रोजगार की संभावनाओं की कोई कमी नहीं है। यह क्षेत्र अब दवा विक्रेता या मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव तक सीमित नहीं रह गया है। चिकित्सा के क्षेत्र में हो रहे विस्तार की वजह से दवा का बाजार दिनोंदिन फलफूल रहा है।

 

प्रमुख संस्थान

* दिल्ली इंस्टीच्यूट ऑफ  फार्मास्यूटिकल साइंस एंड रिसर्च, नई दिल्ली

*  महाराज अग्रसेन विश्वविद्यालय बद्दी, हिमाचल प्रदेश

 * आईईसी यूनिवर्सिटी बद्दी, हिमाचल प्रदेश

*  नेशनल इंस्टीच्यूट ऑफ  फार्मास्यूटिकल एजुकेशन मोहाली, चंडीगढ़

*  इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  फार्मा मार्केटिंग, लखनऊ

*  इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ  मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, नई दिल्ली

*  सुंदरदीप ग्रुप ऑफ  इंस्टीच्यूशंस गाजियाबाद, उत्तर प्रदेश

*  हिमालयन यूनिवर्सिटी ईटानगर, अरुणाचल प्रदेश

आमदनी कितनी

सामान्य तौर पर शुरुआती वेतन 10 से 20 हजार रुपए तक है, लेकिन तजुर्बे के आधार पर आमदनी में इजाफा होता रहता है। मैनेजमेंट, चिकित्सा और दवा की बेहतर जानकारी है तो वारे-न्यारे हैं। कुछ अनुभव हासिल करने के बाद 30 से 40 हजार रुपए प्रतिमाह आसानी से हासिल किए जा सकते हैं। दो या तीन साल के अनुभव से वेतन लाखों में मिल सकता है।

रोजगार विकल्प

बीबीए इन फार्मा तथा डिप्लोमा कोर्स के बाद मार्केटिंग एग्जीक्यूटिव, प्रोडक्ट एग्जीक्यूटिव, मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव, बिजनेस एग्जीक्यूटिव आदि के रूप में नियुक्ति होती है। एमबीए पाठ्यक्रम के बाद छात्रों को एरिया मैनेजर, सर्किल मैनेजर, प्रोडक्ट मैनेजर, क्वालिटी कंट्रोल मैनेजर, ब्रांड मैनेजर या मैनेजमेंट ट्रेनी के रूप में नौकरी मिल सकती है।

योग्यता-पाठ्यक्रम

फार्मा बिजनेस मैनेजमेंट में एमबीए और बीबीए, स्नातकोत्तर डिप्लोमा इन फार्मास्यूटिकल एवं हैल्थ केयर मार्केटिंग, डिप्लोमा इन फार्मा मार्केटिंग एवं पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा इन फार्मा मार्केटिंग के कोर्स विश्वविद्यालय एवं कालेज में शामिल किए गए हैं। इसके अलावा बाकायदा कुछ संस्थानों में फार्र्मा बिजनेस मार्केटिंग के पाठ्यक्रम भी शुरू हो चुके हैं। डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अवधि छह माह से लेकर एक वर्ष तक है। इनमें प्रवेश के लिए अनिवार्य योग्यता 12वीं (विज्ञान) उत्तीर्ण होना जरूरी है। पोस्ट ग्रेजुएट डिप्लोमा पाठ्यक्रमों की अवधि एक साल है। इन पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए अभ्यर्थी की न्यूनतम योग्यता बीएससी बीफार्मा निर्धारित है। 12वीं (गणित और जीव विज्ञान) के बाद फार्मा बीबीए (फार्मा बिजनेस) में दाखिला लिया जा सकता है। यह तीन वर्षीय स्नातक स्तरीय पाठ्यक्रम है।

विस्तार से बढ़ रही मांग

फार्मास्यूटिकल तेजी के साथ बढ़ने वाली इंडस्ट्री है। शानदार ग्रोथ की वजह से इसमें नौकरियां भी तेजी से बढ़ी हैं। अगर आप साइंस बैकग्राउंड से हैं और सेल्ज तथा कस्टमर को मैनेज करने का हुनर रखते हैं, तो फार्मा मार्केटिंग आपके लिए बेहतर विकल्प है। फार्मा सेक्टर 13 से 14 फीसदी सालाना ग्रोथ कर रहा है। मेडिकल फील्ड में हो रहे डिवेलपमेंट के कारण मेडिसिन मार्केट भी कॉमर्शियल रूप से आगे बढ़ रही है। एफडीआई में विस्तार के बाद इसमें विस्तार होने की उम्मीद है।  कई विदेशी कंपनियां अपने प्रोडक्ट पेटेंट करवा कर भारत में कारोबार करने आ रही हैं। इससे घरेलू फार्मा इंडस्ट्री तेजी से विकसित हो रही है। इसे देखते हुए कहा जा सकता है कि फार्र्मा मार्केटिंग का विकल्प चुनने के बाद आप काम की तलाश नहीं करेंगे, बल्कि काम खुद चलकर आपके पास आएगा।

तरक्की के साथ तनख्वाह भी

जो लोग फार्मा मार्केटिंग में अपना दिया हुआ टारगेट समय-समय पर पूरा करते चले जाते हैं, उन्हें प्रोमोशन मिलने में देरी नहीं लगती है। प्रोमोशन के साथ पेमेंट में बढ़ोतरी होना स्वाभाविक है। जैसे-जैसे आप इस फील्ड में अनुभवी होते जाते हैं, आपके लिए संभावनाएं बढ़ती जाती हैं।

रोजगार प्रदान करने वाली कंपनियां

इस क्षेत्र में रोजगार प्रदान करने वाली कई प्रमुख कंपनियां हैं। जैसे रेनबैक्सी, ग्लैक्सो, सन फार्मा, फाइजर, सिप्ला, निकोलस पिरामल जैसी कंपनियां बड़ी तादाद में रोजगार देती हैं। वैसे भी रोजगार मुहैया कराने में फार्मा सेक्टर बहुत आगे है।

हिमाचल में संभावनाएं

हिमाचल के बद्दी में कई कंपनियों के दवाइयों के निर्माण के कारण फार्मा सेक्टर में रोजगार की अपार संभावनाएं हैं। हिमाचली युवा इस क्षेत्र में विशेषज्ञता हासिल कर के अपने लिए अपने ही प्रदेश में करियर सुरक्षित कर सकते हैं। फार्मा मार्केटिंग का क्षेत्र हिमाचल में काफी संभावनाएं लिए हुए है। इस दिशा में प्रयास लाभ देंगे।

क्या हों व्यक्तिगत गुण

इस क्षेत्र में काम करने वाले व्यक्ति को मानव शरीर व दवा में इस्तेमाल होने वाले रासायनिक तत्त्वों की जानकारी का होना भी बेहद जरूरी है। दवा की मार्केटिंग में सीधे-सीधे उपभोक्ताओं से संपर्क न करके डाक्टरों को संतुष्ट किया जाता है, क्योंकि डाक्टरों की सलाह पर ही उपभोक्ता दवा खरीदते हैं। इसलिए इस काम को अंजाम देने के लिए कम्युनिकेशन स्किल्स के साथ-साथ द्विभाषीय (अंग्रेजी तथा क्षेत्रीय भाषा) की जानकारी का होना भी जरूरी है। साथ ही दवाइयों के इस्तेमाल से जुड़े विपरीत असर को पहचानना, उसकी पुष्टि करना, असर को मापना होता है ताकि दवाइयों को ज्यादा सुरक्षित और उपयोगी बनाया जा सके। करियर को सिर्फ  जॉब न समझें, नहीं तो बुलंदियों से वंचित रह जाओगे।

टीम वर्क से सीखने का मौका

डा. दीपक पी भागवत

निदेशक, स्कूल ऑफ फार्मेसी, महाराजा अग्रसेन यूनिवर्सिटी, बद्दी

फार्मा मार्केटिंग में करियर से संबंधित विस्तृत जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने दीपक पी भागवत से बातचीत की। प्रस्तुत हैं बातचीत के प्रमुख अंश…

इस क्षेत्र में करियर के लिए शैक्षणिक योग्यता क्या होती है?

फार्मा मार्केटिंग के क्षेत्र में न्यूनतम डिप्लोमा धारकों की नियुक्ति की जाती है। ज्यादातर एमएनसी कंपनीज ग्रेजुएट्स (स्नातक) को नियुक्त करती हैं, जो बी फार्मा के अलावा बीएससी या एमएससी भी हो सकते हैं।

क्या इस क्षेत्र में कुछ विशेषज्ञ कोर्स किए जा सकते हैं?

फार्मा मार्केटिंग क्षेत्र में प्रोडक्ट डिवेलपमेंट टीम में सदस्य बनने हेतु एमबीए/ डीबीएम (डिप्लोमा इन बिजनेस मेनेजमेंट) तथा विधि स्नातक (एलएलबी) की उपाधि मददगार / न्यायसंगत होती है।

रोजगार के अवसर किन क्षेत्रों में उपलब्ध हैं?

मेडिकल रिप्रेजेंटेटिव पद के अलावा फार्मास्यूटिकल इंस्ट्रूमेंटेशन एवं मशीनरी इक्विपमेंट्स की मार्केटिंग भी एक अच्छा करियर है, जिसमें सैलरी तथा इंसेटिव्ज भी बेहतर मिलते हैं। मार्केटिंग के क्षेत्र में प्रोमोशन हैं। फार्मा स्नातक मेडिकल कंटेट राइटिंग, क्लीनिकल रिसर्च और फार्र्माकोविजिलेंस के क्षेत्र में अवसर हैं। इस में फार्मेसी में डिग्री के अलावा अंग्रेजी भाषा में प्रवीणता भी दर्शानी पड़ती है, जो आईईएलटीएस, पीटीई, एपीटीआईएस, टीओईएफएल के स्कोर से किया जा सकता है।

कहीं जॉब मिलने पर आरंभिक आय कितनी होती है?

फार्मा मार्केटिंग में सैलरी पैकेज होता है। शुरुआती दौर में 15000 से 18000 रपए तक सैलेरी प्लस इंसेंटिव्स मिल जाते हैं जो 2-3 साल में 25000 से 35000 तक पंहुच जाते हैं।

इस फील्ड में आने वाले युवाओं में क्या विशेष गुण हों?

टीम वर्क की भावना तथा प्रोफेशनल एटीच्यूड जैसे समय का पाबंद, अनुशासनप्रिय और धैर्यवान होना अनिवार्य है। अपने प्रोफेशन तथा जॉब के प्रति सम्मान की भावना तथा कर्त्तव्यनिष्ठता होना अनिवार्य होता है।

इस करियर में पदापर्ण करने वाले युवाओं के लिए कोई प्रेरणा संदेश दें?

नए ग्रेजुएट्स के लिए यह जरूरी होता है कि वे जल्दी- जल्दी जॉब न बदलें। कम से कम 3-4 साल एक कंपनी में जरूर लगाएं, ताकि उनकी प्रतिष्ठा बने और स्थिरता आए। कोई भी युवा जब पूरी आत्मीयता से  और जिम्मेदारी के साथ कार्य करता है, तो उसका काम भी अच्छा होता है। एक टीम मेंबर की तरह हम सीखते भी बहुत हैं और आत्मविश्वास भी आता है।

 – विपिन शर्मा, बीबीएन


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