171 किलोमीटर रह जाएगी पठानकोट-मंडी की दूरी वर्तमान में 219 किलोमीटर का है सफर
80 किलोमीटर रह जाएगा मटौर से पठानकोट का सफर, वर्तमान में 88 किलोमीटर की है दूरी
90 किलोमीटर मटौर से मंडी का सफर, मौजूदा समय में 131 किलोमीटर की दूरी, कुल 41 किमी कम होंगे
फ्लाईओवर ब्रिज
जसूर
इस फोरलेन को यातायात से निजात दिलाने के लिए जसूर में फ्लाईओवर ब्रिज बनेगा। शहर के ऊपर प्रस्तावित इस ब्रिज के निर्माण से जसूर पर मंडरा रहा विस्थापन का खतरा टल गया है।
शाहपुर
शाहपुर शहर में एक भी निर्माण नहीं गिरेगा। न ही किसी को विस्थापित होना पड़ेगा। इसके लिए शाहपुर में फ्लाईओवर ब्रिज का डीपीआर में प्रावधान किया गया है। यह ब्रिज शहर के दोनों छोर को आपस में जोड़ेगा।
गगल
यातायात के बोझ तले दबे इस मार्ग के सबसे व्यस्तम शहर गगल को भी फ्लाईओवर ब्रिज मिलेगा। गगल एयरपोर्ट को फोरलेन से जोड़ा गया है। इस कारण गगल में बाइपास दिए जाने की बजाय फ्लाईओवर ब्रिज का प्रावधान रखा है।
रेलवे ओवरब्रिज
परौर स्थित राधास्वामी सत्संग डेरा के समीप रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण होगा। इसी स्थान से फोरलेन के लिए नया बाइपास आरंभ होगा। डीपीआर के अनुसार रेलवे ओवर ब्रिज का अत्याधुनिक तकनीक से निर्माण होगा।
ऐहजू
चौंतड़ा-ऐहजू के बीच रेलवे लाइन को क्रॉस करने के लिए ओवरब्रिज बनेगा। इस रेलवे ओवरब्रिज से होकर फोरलेन बाइपास से गुजरेगा। रेल ट्रैक नेरो रहेगा। इस आधार पर फ्लाईओवर ब्रिज की रूपरेखा बनाई गई है।
यहां बनेंगी सुरंगें
कोटला के जांगल खास के समीप दो नदियों पर स्थित हनुमान मंदिर से फोरलेन को सुरंग से जोड़कर निकाला जाएगा। इस पहाड़ी के बीच 5100 मीटर टनल का प्रावधान किया गया है।
मटौर
मटौर के हुंडई शोरूम की पिछली तरफ की पहाड़ी को काटकर 7200 मीटर टनल का निर्माण होगा। यह सुरंग सीधी कछियारी बाइपास से जुड़ेगी।
मंडी
बिजनी के समीप साढ़े तीन किलोमीटर की टनल का निर्माण होगा। यह सुरंग सीधे ब्यास नदी पर स्थित पुल से जड़ेगी। इस तरह मंडी फोरलेन का संपर्क मनाली हाई-वे से हो जाएगा।
यहां होंगे बाइपास
नूरपुर
नूरपुर शहर और रिहायशी मकानों के बाहर से पांच किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा। इसके चलते किसी भी प्रकार का विस्थापन नहीं होगा और भवनों को गिराने की नौबत नहीं आएगी।
कोटला
संकरी सड़क के लिए विवादों में रहा कोटला भी फोरलेन की जद से मुक्त होगा। इस कस्बे के बाहर से पांच किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा। इसमें अत्याधुनिक तकनीक के पुलों का निर्माण भी शामिल है।
मटौर
‘दिव्य हिमाचल’ ऑफिस के समीप पुराना मटौर से कछियारी के लिए नया बाइपास बनेगा। बगली रोड को टच करते हुए यहबाइपास वाहन शोरूम्स की पिछली पहाड़ी से होते हुए सीधे कछियारी बाइपास निकलेगा।
नगरोटा
सुनेहड़ पुल से मलां को जोड़ने के लिए सात किलोमीटर लंबा नया बाइपास बनेगा। इसके चलते नगरोटा शहर पूरी तरह से विस्थापन से बच जाएगा। चाहड़ी गांव को जोड़ने वाले संपर्क मार्ग पर स्थित सुनेहड़ पुल से होकर यह नया बाइपास धौलाधार की तरफ बनेगा।
पालमपुर
परौर से चौंतड़ा तक 33 किलोमीटर का नया बाइपास बनेगा और रेलवे पट्टी के साथ पंचरूखी से जुड़ेगा। इसके चलते परौर, ठाकुरद्वारा, मारंडा, पालमपुर, बनूरी, पपरोला, बैजनाथ, ऐहजू और चौंतड़ा फोरलेन की जद से बाहर हो गए हैं।
जोगिंद्रनगर
ट्रैफिक जाम के लिए बदनाम जोगिंद्रनगर को भी फोरलेन की जद से बाहर रखा गया है। इस शहर के आउटर साइड से 3600 मीटर लंबा नया बाइपास बनेगा। शहर के दोनों तरफ डेढ़ किलोमीटर बाइपास की लाइन होगी।
पद्धर
इस शहर के बाहर से दो किलोमीटर लंबा बाइपास बनेगा। इसके चलते यहां किसी तरह के भवन को गिराने की जरूरत नहीं होगी। इस बाइपास निर्माण से मुआवजा राशि की बजाय कम खर्च होगा।
मंडी
विक्टोरिया पुल से चार किलोमीटर पहले बिजनी के समीप फोरलेन को बाइपास के लिए मोड़ दिया जाएगा। हालांकि इस बाइपास का अधिकतर हिस्सा टनल में आएगा और मनाली हाई-वे पर स्थित पुल से जुड़ेगा।