बीबीएमबी में हिस्सेदारी अब नई सरकार की जिम्मेदारी
शिमला— बीबीएमबी से हिमाचली हिस्से की वसूली वर्तमान सरकार के सामने बड़ी और अहम चुनौती है। पंजाब सरकार अब तक हिमाचल को उसके हिस्से का पैसा नहीं दे रही है, जबकि अदालत से भी हिमाचल को राहत का फैसला हो चुका है। ऐसे में वहां से पैसा लेने की कवायद अब शुरू होगी। इस संबंध में नई सरकार जल्द ही कैबिनेट में चर्चा करेगी और मामले को पंजाब सरकार के साथ उठाने के अलावा केंद्र सरकार से भी उठाएगी। केंद्र में भाजपा नीत सरकार है जिसकी मदद यहां ऊर्जा क्षेत्र को बढ़ावा देने के लिए ली जाएगी। शनिवार को सचिवालय में नई सरकार के नए ऊर्जा मंत्री अनिल शर्मा ने इस संबंध में अपनी प्राथमिकताएं गिनाईं। उन्होंने साफ कहा कि पंजाब से बीबीएमबी में हिमाचल की हिस्सेदारी को लेना उनकी प्राथमिकता रहेगी। पंजाब से करीब 2900 करोड़ रुपए की राशि ली जानी है। हालांकि बिजली का शेयर मिलना शुरू हो चुका है, परंतु पैसा नहीं मिल पाया है। ऐसे में पंजाब या तो हिमाचल को पैसा दे या फिर कोई दूसरी व्यवस्था करे। उन्होंने कहा कि इसमें नई व्यवस्था को भी तलाशा जाएगा ताकि हिमाचल के हित सुरक्षित रहें। पत्रकारों से अनौपचारिक बातचीत में अनिल शर्मा ने कहा कि प्रदेश में लगने वाले बिजली कट को रोकना और जनता को निर्बाध रूप से बिजली पहुंचाने के लिए प्रयास किए जाएंगे। इसके साथ बिजली उत्पादन में बढ़ रही लेबर कॉस्ट को कम करना भी उनकी प्राथमिकता रहेगी। अनिल शर्मा ने कहा कि मैन पावर को कम करने के साथ टेक्नोलॉजी को बढ़ाने के लिए वह प्रयास करेंगे। ऊर्जा विभाग हिमाचल की आर्थिकी का अहम हिस्सा है। हिमाचल में बिजली उत्पादन बढ़ रहा है, जबकि मांग घट रही है। नतीजतन हिमाचल को कम फायदा बिजली उत्पादन का हो रहा है। इसके अलावा छोटी बिजली परियोजनाओं में कम लोग पैसा लगा रहे हैं, क्योंकि पर्यावरण विभाग से क्लीयरेंस नहीं मिल पाती है। उन्होंने कहा कि बिजली परियोजनाओं को आसानी से पर्यावरणीय मंजूरी मिल सके, इसके लिए वह केंद्र से मामले को उठाएंगे।
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